Lok Sabha Election 2024: बिहार के लोकप्रिय गायक और अभिनेता पवन सिंह (Pawan Singh) ने आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में बिहार के काराकाट सीट (Karakat Seat) से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इससे पहले बीजेपी (BJP) ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से प्रत्याशी बनाया था, जिसके एक दिन बाद ही उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
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पवन सिंह (Pawan Singh) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा- ‘माता गुरुतरा भूमेरू अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा’।
जय माता दी।
इंडिया गठबंधन (India Alliance) की तरफ से गठबंधन के तहत यह सीट भाकपा माले के खाते में दी गयी है। भाकपा माले की तरफ से इस सीट पर राजा राम सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। राजा राम सिंह भी उपेंद्र कुशवाहा के ही स्वजातीय हैं। साथ ही भाकपा माले के कैडर गांव-गांव में हैं ऐसे में वो उपेंद्र कुशवाहा को मजबूत चुनौती देंगे ही। साथ ही पवन सिंह की एंट्री से राजपूत और यादव मतों की उनके पक्ष में व्यापक गोलबंदी हो सकती है।
राजद के उम्मीदवार के मैदान में नहीं होने के कारण यादव और मुस्लिम मतों का रुझान पवन सिंह की तरफ हो सकता है। पवन सिंह की लालू परिवार से नजदीकी रही है। साथ ही पवन सिंह के प्रशंसक सभी जातियों और वर्गों में पाए जाते हैं। उनके स्टेज शो में बिहार के गांवों में हजारों की भीड़ उमड़ती है।
2008 में हुए परिसीमन के बाद काराकाट सीट (Karakat Seat) अस्तित्व में आया था। साल 2009 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए थे। 2009 और 2019 के चुनाव में महाबली सिंह को जीत मिली थी वहीं 2014 के चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा चुनाव जीतने में सफल रहे थे। काराकाट सीट पर सबसे अधिक यादव मतदाता हैं लगभग 3 लाख, वहीं मुस्लिम वोटर्स की आबादी लगभग डेढ़ लाख मानी जाती है।
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कुशवाहा और कुर्मी समाज के 2.5 लाख वोटर्स हैं। राजपूत जाति के भी लगभग 2 लाख वोटर्स हैं। उपेंद्र कुशवाहा को लवकुश समाज का वोट मिलता रहा है। वहीं महाबली सिंह भी उसी समुदाय से आते हैं. दोनों ही नेताओं की जीत में लवकुश मतदाताओं की अहम भूमिका रही है।
बता दें कि बीजेपी ने पवन सिंह (Pawan Singh) को आसनसोल से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने इस सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। पवन सिंह ने हालांकि आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले के पीछे का कारण नहीं बताया था।
पवन सिंह की उम्मीदवारी को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी (BJP) पर हमला किया था और आरोप लगाया था कि उनके कुछ गानों में महिलाओं को लेकर असभ्य बातें कही गई थीं। बीजेपी ने पवन सिंह को अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, जो आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं।