प्रदूषण को लेकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा स्कूल से जुड़ी बड़ी खबर

दिल्ली NCR
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दिल्ली-NCR इन दिनों जबरदस्त प्रदूषण की चपेट में है। एयर क्‍वालिटी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और SAFAR के आंकड़े इसकी तस्‍दीक करते हैं। खासकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर डार्क रेड जोन मतलब बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

एक दिन पहले ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 402 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा का AQI 398 पहुंच गया है. सुबह से ही धुंध और धुएं की परत छाई हुई है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेज रहे माता-पिता भी उनकी सेहत को लेकर चिंतित हैं। सवाल उठ रहे हैं कि अगर प्रदूषण ऐसे ही बना रहा तो क्या स्कूल भी बंद हो सकते हैं? पिछले साल भी वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद स्कूलों को बंद करने की नौबत आई थी। पिछले साल भी नवंबर के आखिर में प्रदूषण काफी बढ़ गया था।

400+ के ऊपर प्रदूषण का मीटर जाने का मतलब है कि क्षेत्र गंभीर श्रेणी में है। तमाम उपाय किए जा रहे हैं लेकिन प्रदूषण का बढ़ता मीटर लोगों को टेंशन दे रहा है। 400 से ऊपर एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और पहले से बीमार लोगों की तबीयत और खराब कर सकता है। ग्रेटर नोएडा देश में, जहां सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की संख्या में तीसरे स्थान पर था. वहीं, नोएडा पांचवे स्थान पर रहा.

पैरंट्स के सवाल
पैरंट्स का सवाल है कि अगर पूरे NCR का AQI खराब है तो यूपी सरकार स्कूल बंद करने का निर्देश जारी क्यों नहीं कर रही है  

एनसीआर के बाकी हिस्सों का हाल
गाजियाबाद-381
गुरुग्राम-390
फरीदाबाद-403
बहादुरगढ़-400

लागू होगा ग्रेप का स्टेज 
अगर वायु प्रदूषण में सुधार नहीं होता है तो स्कूल और कॉलेज बंद हो सकते हैं. ग्रेप के स्टेज चार के तहत सख्त नियम लागू हो जाएंगे.  

सांस के मरीज बढ़े
दूसरी तरफ प्रदूषण के कारण अस्पतालों की ओपीडी और इमर्जेसी में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में 10 से 15 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं. इन मरीजों में अस्थमा का अटैक, सांस संबंधी मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है. मरीजों में सर्दी, जुखाम, खांसी, गले में जकड़न, आंखों में जलन के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

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