सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Bihar News: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पर जमकर टिप्पणी की है। सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कहा कि उनकी मूर्खता थी कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया। और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने तेलंगाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। भरे सदन में जीतन राम मांझी को अपमानित करने पर पीएम मोदी ने नीतीश कुमार पर खूब हमला बोला।
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पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2 दिन पहले बिहार में हमने देखा है कि विधानसभा में सदन के अंदर एक और दलित नेता, एक पूर्व मुख्यमंत्री का अपमान किया गया है। जीतन राम मांझी जो दलितों में भी अति दलित हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत ही संघर्ष किया है। उनको बिहार के सीएम ने बुरी तरह अपमानित किया। मांझी को बताने की कोशिश की गई कि वो सीएम पद के योग्य नहीं थे। ये अहंकार की भावना, दलितों के अपमान की भावना कांग्रेस और उसके सहयोगियों की पहचान बताई है।
जीतन राम मांझी ने किया पीएम को धन्यवाद
पीएम नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद जीतन राम मांझी ने ट्वीट (Tweet) कर उन्हें धन्यवाद दिया है। अपने ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने कहा कि धन्यवाद (Thank you) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपके स्नेह और अपनापन ने हमेशा मुझे शक्ति दी है। दलितों और वंचितों के प्रति आपकी निष्ठा अद्वितीय है। आपका स्नेह मुझपर और समस्त दलितों और वंचितों पर हमेशा बना रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी पर बरसे थे सीएम नीतीश
बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपने पूर्व सहयोगी जीतन राम मांझी पर जमकर बरसे थे। और कहा कि उनकी मूर्खता के कारण वह राज्य में सत्ता की सर्वोच्च सीट पर आसीन हुए। विपक्षी पार्टी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी द्वारा सदन में राज्य सरकार के जाति सर्वेक्षण पर संदेह व्यक्त करने पर नीतीश कुमार अपनी सीट से खड़े हुए और मांझी की ओर इशारा करते कहा कि ये बोलता है कि हम मुख्यमंत्री थे। मेरी मूर्खता की वजह से यह मुख्यमंत्री बने। इसे कोई समझ है। नीतीश के इस कथन के बाद बीजेपी सदस्य आपत्ति जताते हुए हंगामा करने लगे। बिहार में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश से उनके सहयोगी मंत्रियों को शांत होने और अपनी सीट ग्रहण करने का आग्रह करते हुए देखा गया। 70 वर्षीय जदयू नेता तब तक शांत नहीं हुए जब तक कि उन्होंने मांझी के खिलाफ जमकर भड़ास नहीं निकाल ली।
सदन के बाहर नाराज जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्री से शिकायत करूंगा। मैं उन्हें बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करूंगा। अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने महिलाओं के बारे में अपनी टिप्पणी से राज्य को शर्मसार किया। इस तरह के रवैये से पता चलता है कि अब उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्हें इतना महत्वपूर्ण पद नहीं सौंपा जा सकता है।
मांझी कैसे बने बिहार के सीएम
आपको बता दें कि मांझी मई 2014 में बिहार के मुख्यमंत्री उस समय बने थे। जब नीतीश ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अपनी पार्टी जदयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। लेकिन एक साल से भी कम समय में जदयू में विभाजन की कोशिश करने के आरोपों का सामना कर रहे मांझी को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। जिसके बाद नीतीश की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई। मांझी ने बाद में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नामक अपना एक दल बनाया और राजद के सदस्य के रूप में 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा था।
नीतीश की 2017 में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग में वापसी के कुछ महीने बाद जीतन राम मांझी महागठबंधन में शामिल हो गए। जो तब केवल राजद और कांग्रेस के साथ रह गया था। मांझी 2020 में फिर से राजग में लौट आए और उनकी पार्टी को जदयू के कोटे से चुनाव लड़ने के लिए सीटें दी गईं तथा उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्री पद मिला था।
पिछले साल जब नीतीश ने राजग छोड बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बना ली तो मांझी भी उनके साथ ही रहे जिससे उनके बेटे को अपना मंत्री पद बरकरार रखने में मदद मिली। लेकिन इस साल जून में सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। और जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से बाहर निकलने की घोषणा की थी।