नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू बीते कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। वो आए दिन भारत को धमकी देता रहता है। हाल ही में वर्ल्डकप क्रिकेट के दौरान पन्नू ने स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी दे डाली थी। इसके पहले पन्नू ने एयर इंडिया को लेकर भी दी थी जिसके बाद एनआईए ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं अमेरिका में रह रहे भारतीय मुल्क के नागरिकों ने भी आतंकी पन्नू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ऐसे में अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीय समुदाय की एक समिति ने आतंकी पन्नू और उसके प्रबंधित संगठन “सिख फॉर जस्टिस” को “नो फ्लाई लिस्ट” में शामिल करने की फिर से मांग की है। ऐसे में अगर भारतीय अमेरिका नागरिकों की इसी मांग को मानकर पन्नू को नो फ्लाइंग लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है तो वो कभी हवाई यात्रा नहीं कर पाएगा और उसकी हवाई यात्रा करने में बैन लग जाएगा।
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भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के समूह फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस) की तरफ से “इंडियंस इन कनाडा अंडर थ्रेट ऑफ टेरर एंड हेड क्राइम्स” विषय पर आयोजित चर्चा में शामिल हुए लोगों ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारों को पन्नू और उनके संगठन के खिलाफ एक बेहद बड़ा स्टेप लेना चाहिए।
सिख फॉर जस्टिस अमेरिका में स्थित एक संगठन है जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत इसपर बैन लगा रखा है। साल 2020 के जुलाई महीने में पन्नू को अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिखों को हथियार उठाने के लिए उकसाने के लिए यूएपीए के तहत आतंकी घोषित कर दिया गया था।
इसके बाद एफआईआईडीएस के खांडेराव कंद ने कहा कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो ने अभिव्यक्ति की आजादी का गलत तरीके से संदर्भ में पेश किया है। उनकी ये नीतियां चरमपंथ के खतरे को अनदेखा कर रही हैं। इससे कनाडा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
वहीं उन्होंने जारी किए गए बयान में ये भी कहा कि इस चर्चा में शामिल लोगों ने सवाल किया कि एयर इंडिया को लेकर दी गई धमकी के कारण गुरुपतवंत पन्नू और सिख फॉर जस्टिस के मेंबर नो फ्लाई लिस्ट में क्यों नहीं किया गया?