नीलम सिंह चौहान, खबरीमीडिया
Pooja Niyam: धार्मिक मान्यता के मुताबिक मानें तो पूजा-पाठ करने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है. पूजा करते समय अनेक चीजों का ध्यान रखने कि सलाह दी जाती है. ऐसे में एक चीज और महत्वपूर्ण और है भगवान को लगाए जाना वाला भोग. भोग के विषय में ये कहा जाता है कि ये पका हुआ हो और सफाई से बना हुआ हो. इससे हटकर भी भोग से जुड़ी अनेक बातें हैं और भोग नियम (Bhog Niyam) हैं जिन्हें ध्यान में रखने की जरूरत होती है.
ऐसे में जानिए कि मान्यतानुसार किन बातों का पूजा करते समय विशेष रूप में ध्यान में रखना चाहिए.
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भोग लगाने का पात्र
भोग किस पात्र में लगाया जा रहा है ये बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. भोग लगाने का पात्र मिट्टी, सोना, पीतल धातु का तो बहुत ही ज्यादा शुभ होता है. इसके आलावा केले या पान के पत्ते में भी भोग लगाने की अपनी एक विशेष मान्यता होती है.
भोग को कैसे करें तैयार
पूजा के कुछ समय के पहले ही भोग तैयार कर लें. क्योकि ताजे भोग को अत्यंत शुभ माना जाता है. इसलिए पूजा करने के थोड़ी देर पहले ही भोग को बनाकर कर लें.
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भोग कब हटाएँ
भोग को भगवान पर चढ़ा देने के बाद ज्यादा समय तक रखना अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए पूजा स्थल से भोग हटाने का भी एक समय होता है. भोग लगा दें तो उसके बाद भोग को मंदिर सेर हटा भी देना चाहिए. इससे ढककर किसी साफ़ सुथरे स्थान पर रखना चाहिए और अन्य भक्तों में प्रसाद को बांट देना चाहिए.
कैसा होना चाहिए भोग
भोग वैसे तो सात्विक ही होता है, लेकिन हर देवी-देवता का प्रिय भोग अलग अलग माना जाता है. मान्यतानुसार जिन देवी-देवताओं को भोग में जो चीजें पसंद हैं उन्हें वहीं चीजें चढ़ानी चाहिए. ऐसा करने से भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और पूजा का अच्छा फल भी मिलता है.