राज्य में कोविड-19 की समीक्षा के लिए हुई उच्चस्तरीय बैठक
कोरोना के नये वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं : अपर मुख्य सचिव
जन जागरूकता बढ़ाने और नियमित निगरानी के दिए गये निर्देश
Patna News: पटना के विकास भवन स्थित स्वास्थ्य विभाग के सभागार में कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति एवं उससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा के उद्देश्य से सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने की।
ये भी पढ़ें: Patna: अंचल अमीनों तथा पंचायत सचिवों को दिया गया ऑनलाइन प्रशिक्षण

बैठक में कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, जांच एवं उपचार की व्यवस्था तथा दवाओं एवं ऑक्सीजन सहित आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति की समीक्षा की गई।
अपर मुख्य सचिव की आमजन से अपील
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के नये वेरिएंट से घबराएं नहीं बल्कि सतर्क और जागरूक रहें। आईएनएसएसीओजी के अनुसार भारत में कोविड-19 के दो नये सब-वेरिएंट – एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन दोनों को मात्र “निगरानी में रखे गए वेरिएंट” की श्रेणी में रखा है।
उन्होंने बैठक के दौरान सभी सिविल सर्जनों एवं मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को संदिग्ध मामलों की पहचान, सक्रिय निगरानी और समय पर जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सभी जिलों को किसी भी संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहने के भी निर्देश दिए।
जन जागरूकता बढ़ाने और नियमित निगरानी के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग सभी जिलों को पर्याप्त मात्रा में जांच किट, मास्क, दवाएं, ऑक्सीजन और आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। अपर मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, प्रभावी समन्वय एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया। साथ ही जन जागरूकता बढ़ाने और नियमित निगरानी की प्रक्रिया को मजबूत करने के भी निर्देश दिए गए।
ये भी पढ़ें: Patna: 15 जून तक होगी गेहूं की खरीदारी, 48 घंटे में होगा भुगतान
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र कुमार, स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. अनुपमा सिंह के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। साथ ही इस बैठक में राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एवं अधीक्षक के साथ एम्स, आईजीआईएमएस, आरएमआरआई, ईएसआईसी, बिहटा के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।

