fitness test of school bus

Noida-ग्रेटर नोएडा के पेरेंट्स ध्यान दें..आपके बच्चों की जान से हो रहा खिलवाड़!

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR
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Noida News: उत्तर प्रदेश का नोएडा (Noida) भी एक हाई टेक सिटी है। यहां, एक से बढ़कर एक अच्छे और हाईटेक स्कूल (Hitech School) मौजूद हैं। स्कूलों में बच्चों के लिए पेरेंट्स (Parents) लाखों रुपये खर्च करते हैं, जिससे उनके बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिले। स्कूलों द्वारा इतना पैसा लेने के बाद भी लापरवाही बढ़ती ही जा रही है। स्कूलों ने बच्चों के जीवन को खेल का एक माध्यम समझ लिया है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा के पेरेंट्स को लेकर बड़ी और जरूरी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि अब स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां खत्म होने वाली है। लेकिन यूपी सरकार के सकारात्मक कदम ने पेरेंट्स की नींद उड़ा दी है।
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Pic Social Media

स्कूली बसों की नहीं हुई फिटनेस जांच

लगभग 200 स्कूली बसों की फिटनेस जांच (Fitness Check Up) हुई ही नहीं है। इन पर पंजीकरण कैंसिल (Cancel registration) होने की तलवार लटक रही है। बसों के संचालकों ने अब तक परमिट भी रिन्यू नहीं कराया है। गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले परिवहन विभाग की तरफ से सभी स्कूली को निर्देश दिए गए कि बसों की जांच करवाई जाए। उस समय 142 अनफिट और 125 स्कूली बसें ऐसी थीं, जिनका परमिट रिन्यू नहीं हुई थी। अब तक 267 स्कूली बसों में से 67 को ब्लैकलिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इन बसों के संचालकों ने फिटनेस टेस्ट करा लिया है। बाकी बस संचालकों द्वारा इसे नहीं कराया गया।

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पहले भी हुई है ऐसी लापरवाही

आपको बता दें कि इससे पहले भी गर्मी की छुट्टियो के दौरान इन संचालकों को निर्देश दिया गया था लेकिन किसी भी संचालक ने वाहनों की जांच नहीं कराई थी। उप-संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ.सियाराम वर्मा ने जानकारी दी ति बच्चों की जिंदगी से कोई समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करते हुए इसमें प्रवर्तन की पांच टीमें लगाई गई थीं। अब इन बसों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

ANSPA के महासिचव के अरुणाचलम ने कहा है कि स्कूल में बस मुहैया करवाने वाले प्राइवेट ऑपरेटर्स जरूरी चीजों को नज़रअंदाज करते हैं जिससे स्कूल आने-जाने वाले बच्चों की सुरक्षा कई बार खतरे में पड़ जाती है। और यही पेरेंट्स की चिंता का सबसे बड़ा सबब है। ऐसे बस ऑपरेटर्स पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।

जानिए क्या होने चाहिए सुरक्षा के उपाय

बस में बैठने की क्षमता के आधार पर अग्निशमन यंत्र होना जरूरी है। बच्चों की सूची भी होनी चाहिए। जिसमें नाम, पता, ब्लड ग्रुप और रूट चार्ट लिखा हो। बच्चों की सुरक्षा के लिए ड्राइवर के अलावा एक सहायक भी होना चाहिए। बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। आगे और पीछे मोटे अक्षरों में स्कूल बस लिखा होना जरूरी है। स्कूल बस में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स मौजूद होना चाहिए। ऐसे कई और तय मानक है, जिनका स्कूलों द्वारा पालन नहीं होता है।