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Palmistry: दोनों हथेलियों को मिलाकर बनता है आधा चांद..शुभ या अशुभ?

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Palmistry: अगर आपकी हथेली पर भी बनता है अधूरा चांद तो जान लीजिए इसके लाभ

Palmistry: ज्योतिष शास्त्र के साथ-साथ हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हस्त रेखा शास्त्र में हथेली की आड़ी तिरछी रेखाओं व बनने वाले आकार का बहुत महत्व बताया गया है। इन रेखाओं और चिन्ह के माध्यम से व्यक्ति के जीवन, स्वभाव और भविष्य के बारे में जानकारी मिल सकती है। हाथों की लकीरें व्यक्ति के स्वभाव के बारे में भी बताती है, साथ ही आने वाले भविष्य के बारे में भी संकेत देती है। ऐसा ही अधूरा चांद (Half Moon) हथेली पर बनने वाला एक निशान है। इस अधूरे चांद की खासियत यह होती है कि दोनों हथेलियों को मिलाने पर एक अर्ध वृताकार की रेखा बनती है, जिसे हस्त रेखा शास्त्र (Palmistry) में अधूरा चांद (Half Moon) कहते हैं। इसे अर्धचंद्र के नाम से भी जानते हैं।

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अधूरे चांद बनने वाले व्यक्ति का स्वभाव

हस्त रेखा शास्त्र (Palmistry) के मुताबिक, हथेली पर अधूरे चांद (Half Moon) का बनना बहुत ही शुभकारी होता है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति बुद्धिमान, चतुर और विवेकशील होता है। ये लोग अच्छे वक्ता व संवादक भी माने जाते है। माना जाता है कि ये लोग क्रिएटिव होते हैं और कला, संगीत या साहित्य के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। ये जातक जीवट किस्म के माने जाते हैं। ये मुश्किल परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारते हैं।

ससुराल पक्ष से मिलता है बेहद प्यार

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार जिन लोगों की हथेली पर आधा चांद बनता है, उनके संबंध ससुराल पक्ष से बहुत अच्छे होते हैं और उनसे सभी लोग बेहद प्यार करते हैं। ऐसे लोगों को सुसराल पक्ष की ओर ज्यादा झुकाव होता है।

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वैवाहिक जीवन का भी है प्रतीक

हथेली पर आधा चांद व्यक्ति के वैवाहिक जीवन का भी प्रतीक माना जाता है। जिस भी जातक की हथेली पर आधा चांद बनता है। ये अपने पार्टनर से सच्चा प्रेम करते हैं। इन्हें खूबसूरत जीवनसाथी मिलता है। ये अपनी बातों से सभी का दिल जीतने में माहिर होते हैं।

हथेली पर बनने वाले अधूरे चांद से जुड़ी खास बातें जानिए

हस्त रेखा शास्त्र के मुताबिक जिसकी हथेली में जितना सुंदर और उत्तम अधूरा चांद बनता है उन्हें उतना ही सुंदर और आकर्षक जीवनसाथी मिलता है।

हस्त रेखा शास्त्र में बताया गया है कि अगर अर्ध चंद्र बहुत गहरा या टूटा हुआ हो तो यह नकारात्मक संकेत देता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति का व्यक्तित्व अस्थिर और चंचल है। ऐसे लोगों को जीवन में फैसले लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

मान्यता है कि अगर अधूरा चांद जीवन रेखा या हृदय रेखा के समीप हो, तो यह शुभकारी होता है। अगर यह भाग्य रेखा के पास होता है तो, मिले-जुले परिणाम मिलते हैं।

नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।