Noida- ग्रेटर नोएडा के पेरेंट्स की बढ़ गई टेंशन, जानिए क्यों?
Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के पेरेंट्स स्कूल को लेकर इन दिनों काफी गुस्सा में हैं। आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) के स्कूलों ने वर्तमान सेशन खत्म होते ही पेरेंट्स (Parents) की टेंशन बढ़ गई है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई स्कूलों में 25 मार्च से नए सत्र की शुरुआत हो गई है। नए सत्र (New Session) के शुरुआत से ही ही पेरेंट्स का बजट खराब होने लगा है। नए सत्र में कॉपी किताबों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही 15 स्टेशनरी के 15 से 20 प्रतिशत तक महंगे हो जाने से परेंट्स परेशान है।
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पेरेंट्स का कहना है कि इस महंगाई में बच्चों को अब पढ़ाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। स्कूलों की मार अब उनसे झेली नहीं जा रही है। स्कूलों की तरफ से वेंडर (Vendor) के नाम बता दिए गए है। वहां से कॉपी किताब लेने पर 20 से 25 प्रतिशत ज्यादा महंगे दामों पर किताब मिल रही है। ए फोर साइज के कागज में पिछले छह महीने में लगभग 25 फीसदी तक तेजी आई है। इसके कारण सामान्य से लेकर ब्रांडेड कंपनियों तक की 60, 120, 180 और 240 पेज की कॉपी के दाम बढ़ गए हैं। वहीं किताबों का बाहर बाजार में पता किया गया है तो 10 से 15 प्रतिशत तक का अंतर मिल रहा है।
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कॉपी-किताबों (Copy-Books) के बाद स्टेशनरी के सामान जैसे पेंसिल, रबर, कलर, स्कूल बैग, स्कैच पैन, पेंसिल बॉक्स तक के लिए पेरेंट्स को पिछले साल के मुकाबले ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। 10 से 20 रुपये के सामान की कीमत में पांच से दस फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। स्केच पैन, कलर बॉक्स जो बीते साल 60 से 80 रुपये में मिलता था, अब उनकी कीमत 80 से 110 रुपये हो गई है। जो स्कूल बैग 800 रुपये से मिल जाता था वही स्कूल बैग अब 1300 से 1500 रुपये में मिल रहा है। इसके अलावा पैन पेंसिल के बॉक्स में भी 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में पूरी कमाई इस नए सत्र की शुरुआत में ही खत्म होने वाली है।
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पेरेंट्स का कहना है कि कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म महंगी हो गई हैं, तो वहीं इससे जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जब माल ऊपर से ज्यादा कीमत में मिलेगा तो हमें भी महंगा ही बेचना होगा। अल्फा एक में कॉपी किताब बेचने वालों में कहा कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल किताब और कॉपियों के मूल्यों में वृद्धि हुई है। जो कॉपी पहले 30 रुपये की आती थी, वह अब 40 रुपये की मिल रही है और इसी के साथ ही कई कॉपियों के पेज भी कम कर दिए गए हैं। कागज के दाम बढ़ाए गए हैं, तो इससे पूरे ही कारोबार पर असर पड़ रहा है।
दाम-पहले-अब
स्केच पेन-50- 60 – 80- 90
बड़ा रबर-10- 15 – 20- 25
जमैटरी बॉक्स-110- 135-170-190
कलर बॉक्स-70-90- 100-130
स्कूल बैग-800- 1000 – 1300- 1500
पेरेंट्स धीरज त्रिपाठी के मुताबिक नए सत्र की शुरुआत 25 मार्च से हो रही है। उससे पहले ही कॉपी किताब को खरीदने का आदेश स्कूल से आ गया है। उनके वेंडर से ही किताबें खरीदनी हैं। 20 से 35 प्रतिशत तक कॉपी किताब के दाम बढ़ा दिए हैं। समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को कैसे अब पढ़ाया जाए। एनसीईआरटी की भी सभी किताबें नहीं चल रही है। अगर वो चले तो थोड़ा बोझ कम पड़े।
एक दूसरे पेरेंट्स मोहन लाल सिन्हा के अनुसार बच्चे का स्कूल नए सत्र से बदलने की प्लान बनाया है। नए स्कूल की कॉपी किताब के रेट आसमान पर पहुंच गए हैं। स्टेशनरी से लेकर कॉपी किताब में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। अगर यही स्थिति बनी रही, तो सरकार को किताबों और डिजिटल टूल्स पर सब्सिडी देकर जरूरतमंद परिवारों को वित्तीय सहायता देकर मदद करनी चाहिए, ताकि शिक्षा सभी के लिए सुलभ बनी रहे।