ग्रेटर नोएडा से सनसनीखेज खबर सामने आ रही है। जहां एक बिल्डर पर गम्भीर आरोपों की वजह से उसपर FIR दर्ज कर ली गयी है। Aastha Infracity पर आरोप है कि उनने एक ही फ्लैट को दो लोगों को बेच दिया..जिसके बाद बिल्डर पर FIR दर्ज कर ली गई है।
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क्या है पूरा मामला ?
मामला ग्रेटर नोएडा सेक्टर 4 का है। यहां बिल्डिंग कंशट्रक्शन कंपनी ‘आस्था इंफ्रासिटी लिमिटेड ’ (Aastha Infracity LTD.) की मनमानी से तंग आकर Flat खरीदार ने बिसरख थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। इससे पहले ख़रीदार ने उत्तर प्रदेश रेरा के समक्ष भी न्याय की गुहार लगाई है, जहां मामला लंबित है।
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दरअसल, दिल्ली के करोल बाग स्थित CPWD के आवास में रहने वाली मृदुला कुमारी और उनके मीडियाकर्मी पति भूपेंद्र कुमार सिंह ने वर्ष 2018 में ग्रेटर नोएडा सेक्टर 4 अंतर्गत प्लाट नंबर-03, GH04 में ‘आस्था इंफ्रासिटी लिमिटेड’ (Aastha Infracity LTD.) द्वारा बनाए गए आस्था ग्रीन (Aastha Green) में एक फ्लैट बुक कराया था, जो टावर संख्या 1 में यूनिट नंबर 1202 है।
खरीदार मृदुला कुमारी के मुताबिक यह फ्लैट उन्होंने अनुदान योजना के तहत बुक किया था। इसका पेमेंट प्लान उन्हें तीन अलग-अलग मोड में करना था। 10 प्रतिशत धन राशि बुकिंग के वक्त, 60 प्रतिशत बैंक लोन से और 30 प्रतिशत POSSESION के टाईम पर देना था। 10 प्रतिशत धन राशि मिलने के बाद बिल्डर ने BUILDER BUYER AGREEMENT पूरा किया। 29 सितंबर 2018 तक बिल्डर को कुल 27 लाख 55 हजार 939 रुपये मिल गए।
एग्रीमेंट के अनुसार बिल्डर को JUNE 2019 तक प्लैट का कब्जा सभी सुविधाओं सहित देना था, लेकिन बिल्डर JUNE 2019 तक कब्जा देने में असफल रहा और उसने सितंबर 2021 में OFFER OF POSSESION का लेटर ₹ 12 लाख 1 हजार 711 के डिमांड के साथ भेज दिया। डिमांड लेटर मिलने के बाद मृदुला जब उस फ्लैट पर गई तो पता चला कि फ्लैट की स्थिति POSSESION के लायक नहीं थी। दरवाजे, पेंट, टाईल्स बाथरूम सहित कई काम होना बाकी था।
मृदुला ने तुरंत बिल्डर के ऑफिस जाकर, ये सारी बातें बिल्डर को बताई और फ्लैट तैयार होने के बाद शेष रकम अदा करने को कहा। बिल्डर ने भरोसा दिलाया कि शेष काम 3 से 4 महीने में खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच मृदुला बार-बार ऑफ़िस के चक्कर काटती रही।
मृदुला का आरोप है कि बिल्डर ने उन्हें 10 सितंबर 2022 को गलत तरीके से एक कैंसिलेशन लेटर जारी कर दिया और कहा कि अब तुमको ब्याज भी देना पड़ेगा अगर फ्लैट चाहिए तो 6 लाख रूपये कैश देना पड़ेगा। मृदुला इस कैंसिलेशन लेटर से घबरा गई, क्योंकि उसके पास बिल्डर को देने के लिए 6 लाख रूपये नहीं थे।
बिल्डर की इस मनमानी के खिलाफ मृदुला ने उत्तर प्रदेश RERA में अपने फ्लैट के POSSESION के लिए मामला दर्ज कराया है, जो अभी लंबित है। मामला लंबित होने के बावजूद बिल्डर ने मृदुला का वह फ्लैट किसी अन्य व्यक्ति को फर्जी दस्तावेज तैयार कर अलॉट कर दिया है।
मृदुला के मुताबिक फ्लैट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से FINANCE है और लोन की EMI अभी भी जा रही है, ऐसे स्थिति में बिल्डर बिना बैंक से और मृदुला से NOC लिए किसी और को वह फ्लैट नहीं बेच सकता।(सौ. B4मीडिया)