नोएडा का एक स्कूल प्रशासन की नाक के नीचे 14 सालों से अवैध तरीके से चलाया जा रहा है। लेकिन प्रशासन को इसकी सुध लेने तक का वक्त नहीं है। नोएडा के द खेतान पब्लिक स्कूल पर आरोप लगे हैं थे कि वह पिछले 12 साल से बिना मान्यता के चल रहा है, जो जांच में सही पाया गया है। इसके अलावा स्कूल मैनेजमेंट पर धोखाधड़ी, जालसाजी, अवैध वसूली के भी आरोप हैं। जानकारी के मुताबिक बेसिक शिक्षा से 2011 में ही इस स्कूल की मान्यता रद्द हो चुकी है। बावजूद इसके स्कूल अभी भी धड़ल्ले से चलाया जा रहा है।
जिसे देखते हुए आल नोएडा स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। साथ ही स्कूल के वैध या अवैध होने को लेकर प्रशासन से जानकारी मांगी है।
ANSPA के महासचिव के अरुणाचलम के मुताबिक बिना मान्यता के स्कूल में लगातार एडमिशन हो रहे हैं। जिसे लेकर उन्होंने स्कूल को लेकर RTI फाइल की। जिससे शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया। अरुणाचलम ने साफ कर दिया है कि अगर गौतमबुद्ध प्रशास ने एक्शन नहीं लिया तो वो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पास अर्जी लेकर जाएंगे।
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शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने आनन-फानन में जांच बिठा दी। जांच के बाद संयुक्त निदेशक ने बताया कि द खेतान पब्लिक स्कूल ने अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 के तहत मान्यता नहीं ली है। उसके बाद नोटिस इश्यू करके तत्कालीन गौतमबुद्ध नगर के डीएम से जवाब भी मांगा गया। लेकिन 12 साल बाद भी इसका कोई जवाब नहीं आया।
नोएडा के सुपरटेक इकोविलेज-1 में रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी शशिभूषण साह का कहना है कि अगर स्कूल वाकई वैध नहीं है तो ये पैरेंट्स और बच्चों..दोनों की जिंदगी से बड़ा ख़िलवाड़ है।
जरा सोचिए अगर स्कूल ही वैध नहीं हुआ तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा। ऐसे स्कूल की डिग्री का क्या फायदा जो आगे चलकर बच्चों के काम ना आए।
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