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Noida: रिटायर्ड मेजर जनरल से करोड़ों की ठगी..एक्शन में CP लक्ष्मी सिंह

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Noida में रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर करोड़ों की ठगी, एक्शन में पुलिस

Noida News: इन दिनों साइबर क्राइम के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, हर दिन किसी न किसी के साथ ठगी की घटना सामने आती ही रहती है। उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी एक रिटायर्ड मेजर जनरल (Retired Major General) को डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कर ठगी कर ली गई थी, जिसमें साइबर क्राइम थाने की पुलिस को बड़ी और अहम जानकारी मिली है। रिटायर्ड मेजर जनर ले ठगी गई रकम राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat) के कुल 35 खातों में ट्रांसफर की गई। जिसमें ज्यादातर खाते कामगारों समेत दूसरे लोगों के हैं। इनमें कुछ किराये के खाते होने की भी आशंकी जाहिर की गई है। इन खातों की जांच के लिए पुलिस की दो टीमें बना दी गई हैं।

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Pic Social media

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीड़ित को ठगों ने 10 अगस्त से 14 अगस्त तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। इस दौरान घर में मेजर जनरल की पत्नी और नौकर भी मौजूद थे। ठगों ने शिकायतकर्ता से कहा कि उसे कमरे से बाहर निकलने की अनुमति तभी होगी, जब उसे वॉशरूम जाना होगा। रिटायर्ड मेजर जनर की पत्नी और नौकर ने जब उन्हें परेशान देखा तो इसका कारण भी पूछा पर शिकायतकर्ता ने दोनों को कुछ बताने से इंकार कर दिया। घंटों कमरे से बाहर न निकलने पर पत्नी को कुछ गलत होने की आशंका हुई पर उन्हें लगा कि शायद तबियत न ठीक हो।

इस दौरान शिकायतकर्ता जब रकम ट्रांसफर करने के लिए सेक्टर-18 स्थित बैंक गया तो मैनेजर ने भी पूछा कि वह इतना ज्यादा पैसा कहां और क्यों ट्रांसफर कर रहे हैं। इस पर पीड़ित ने जरूरत बताकर मैनेजर की बातों को टाल दिया। पुलिस को शक है कि हाल ही में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले राजस्थान के सीकर गिरोह के सदस्य फिर से सक्रिय हो गए हैं। शक है कि गिरोह के ठगों ने ही वारदात को अंजाम दिया है।

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रिटायर्ड मेजर जनरल से 2 करोड़ की ठगी

नोएडा (Noida) में रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर जालसाजों ने 2 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार एक कोरियर कंपनी का अधिकारी बनकर जालसाजों ने पहले तो रिटायर्ड मेजर जनरल को कॅाल किया। उसके बाद उन्होंने रिटायर्ड मेजर जनरल के नाम से ताइवान से आने वाले कोरियर में ड्रग्स, लैपटॉप और मोबाइल मिलने की बात कही।
इसके बाद जालसाजों ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर स्काइप कॉल से कॉल की और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही, जिसके बाद रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर लगभग 2 करोड़ रुपए की ठगी कर डाली।

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जानिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

आपको बता दें कि डिजिटल अरेस्ट में पुलिस किसी को जेल नहीं भेजती है। डिजिटल अरेस्ट में ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम ड्रग तस्करी, मनी लॉड्रिग या इसी प्रकार डरा देने वाले दूसरे मामले में आ गया है और उन्हें घर से बाहर निकलने की अब अनुमति नहीं है। यही नहीं, पीड़ित से यह भी कहा जाता है कि वह डिजिटल तौर पर लगातार उनसे यानी ठगों से कनेक्ट रहें। इसके साथ ही वह इस बारे में अपने परिवार के किसी दूसरे साथी या परिचित को नहीं बता सकते हैं। पीड़ित से केस रफा-दफा करने के लिए पैसों की मांग होती है। इस दौरान ठग लगातार फर्जी अधिकारी बनकर वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात भी करते रहते हैं। पीड़ित डर के कारण साइबर अपराधियों के झांसे में आकर उनके पास रुपये भेज देता है।

9 महीने में लोगों से 56 करोड़ रुपये ठगे

साल 2023 के अक्टूबर महीने लेकर जुलाई 2024 तक नोएडा साइबर क्राइम थाने में साइबर ठगी के कुल 215 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मुकदमे निवेश के नाम पर हुई ठगी के हैं। 135 मामलों में लोगों को निवेश के नाम पर ठगी की घटना हुई है और इसमें भी सबसे ज्यादा ठगी शेयर बाजार और आईपीओ में निवेश के नाम पर हुई है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इन घटनाओं में लोगों से 56 करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई।

जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह (Police Commissioner Laxmi Singh) के अनुसार, देश की कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। पूछताछ में कभी भी कॉल पर एक साथ पुलिस, सीबीआई, सीआईडी, आरबीआई आदि के अधिकारी नहीं होते हैं। लोगों को सावधान और जागरुक रहने की आवश्यकता है। अगर इस तरह धमकी वाले फोन कॉल आएं तो डरने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे कॉल आने पर तुरंत पुलिस में शिकायत करें। कोई मैसेज या ई-मेल आता है तो उसे सबूत के तौर पर पुलिस को दें। किसी कारण आपने कॉल रिसीव कर लिया और आपको वीडियो कॉल पर कोई धमकी देने लगे तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के माध्यम से वीडियो कॉल को रिकॉर्ड करें। पैसे बिल्कुल भी ना भेजें।