Noida: नोएडा समेत पूरे यूपी में योगी सरकार ने सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए जनवरी महीने में ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ का आदेश लागू किया था। लेकिन इसके लागू होने के 1 महीने बाद ही आदेश की धज्जियां उड़ती दिख रही है। दो तस्वीरें आपके सामने है। एक नोएडा के सेक्टर 12 स्थित पेट्रोल पंप और दूसरी तस्वीर सेक्टर 57 के सामने वाली पेट्रोल पंप से है। जहां बिना हेलमेट के बाइक वालों को धड़ाधड़ पेट्रोल दिए जा रहे हैं। तस्वीरें खबरी मीडिया के जागरूक दर्शक ने भेजी है।
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समाजसेवी के अरुणाचलम का मानना है कि सरकार ने लोगों की हिफाजत और सड़क हादसों में कमी के लिए ही नो हेलमेट..नो फ्यूल जैसा कानून लागू किया था लेकिन एक महीने के अंदर ही पेट्रोल पंप वाले सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जो कि बिल्कुल भी ठीक नहीं है। पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि सभी पेट्रोल में समय-समय पर जाकर इस बात की तस्दीक करें कि वो बिना हेलमेट के पेट्रोल मिल भी रहा है या नहीं।

DM मनीष कुमार ने पेट्रोल पंप मालिकों को दिए थे निर्देश
हालांकि गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष कुमार वर्मा ने सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया था कि बिना हेलमेट लगाकर आए दोपहिया वाहन चालकों को डीजल व पेट्रोल न दें। सभी पेट्रोल पंप हमेशा सीसीटीवी कैमरे की निगाह में रहें, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में सीसीटीवी फुटेज की मदद से आवश्यक निर्णय लिया जा सके।
नो हेलमेट..नो फ्यूल का नियम क्यों?
अक्सर लोग वाहन चलाते समय यातायात नियमों की अनदेखी कर ओवर स्पीड, बगैर सीट बेल्ट व हेलमेट के वाहन चलाते हैं। उनको जान गंवानी पड़ती है। सड़क हादसों में हो रही मौतों पर अंकुश लगाने के लिए नो हेलमेट, नो पेट्रोल और नो रिफ्लेक्टर नो पेट्रोल की व्यवस्था की गई है। मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालक और सवारी को दोपहिया वाहन पर यात्रा करते समय हेलमेट पहनना जरूरी है। बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाना अपराध है। इसमें छह माह तक के कैद की सजा हो सकती है। बावजूद इसके सरकारी आदेश की नाफरमानी क्यों हो रही है?

