Noida-Greater Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए जरूरी खबर है। सीएनजी किट (CNG Kit) लगवाने वाले पहले ये खबर पढ़ लीजिए। नोएडा में बगैर आरटीओ (RTO) में रजिस्ट्रेशन कराए 4 पहिया वाहनों में सीएनजी किट लगाए जा रहे हैं। सीएनजी किट लगे वाहन पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की अपेक्षा 10 से 15 किलोमीटर अधिक दौड़ते हैं। रजिस्टर्ड किट (Registered Kit) लगवाने का खर्च 56 हजार है जबकि बिना रजिस्ट्रेशन के 21 हजार में काम हो जा रहा है। पढ़िए पूरी खबर…
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शहर के कई सेक्टरों में 4 पहिया वाहनों में सीएनजी किट (CNG Kit) लगाने की दुकानें जगह-जगह खुली हैं। सस्ते सफर के चक्कर में 4 पहिया वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। पुराने वाहनों में बिना रजिस्ट्रेशन कराए सीएनजी किट लगाई जा रही हैं, जो तेज वाहन दौड़ाने पर शॉर्ट सर्किट से वाहनों में आग लगने का कारण बन रही हैं। गैस किट लगाने के अलग-अलग रेट हैं। रजिस्ट्रेशन के साथ गैस किट लगाने का खर्च 56 हजार रुपये तक है और बिना रजिस्ट्रेशन कराए 21 हजार रुपये तक में किट लगाई जा रही है।
नोएडा में आरटीओ (RTO) की ओर से कुछ ही दुकानदार किट लगाने के लिए अधिकृत हैं। लेकिन इसकी आड़ में कई दुकानदारों ने इसे धंधा बना लिया है। सीएनजी किट लगे वाहन पेट्रोल-डीजल की अपेक्षा 10 से 15 किलोमीटर अधिक दौड़ते हैं। इसीलिए वाहन चालक सीएनजी किट लगवाना अधिक पसंद करते हैं। सस्ती किट लगवाने के चक्कर में लोग अपनी सुरक्षा का ध्यान नहीं रख रहे हैं। कंपनी फिटेड गैस किट लगे वाहन खरीदने के बजाय पुराने वाहनों में ही चलताऊ सीएनजी किट लगवा रहे हैं। जिससे शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका बनी रहती है। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं।
सेक्टर 16 मेट्रो के निकट एक दुकानदार ने बताया कि आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ सीएनजी किट लगाने का खर्च करीब 56 हजार रुपये है, जबकि बिना रजिस्ट्रेशन कराए यही किट 36 हजार रुपये में लग जाएगी। इसके अलावा एलपीजी की किट मात्र 21 हजार रुपये में लगेगी। इस किट से घरेलू सिलेंडर से भी वाहन चलाया जा सकता है।
गैस किट लगाने के ये है रेट
- 21 हजार रुपये बिना रजिस्ट्रेशन एलपीजी गैस किट
- 36 हजार रुपये बिना रजिस्ट्रेशन सीएनजी गैस किट
- 56 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के साथ सीएनजी गैस किट
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वाहनों में सीएनजी किट लगाने का धंधा
वाहनों में सीएनजी किट लगाने का काम शहर से लेकर कस्बों और गांवों तक में चल रहा है। लेकिन परिवहन विभाग इनपर कार्रवाई नहीं कर रहा है। हादसा होने के बाद कुछ दिन तक सतर्कता दिखती है। फिलहाल सीएनजी किट लगाने वाली दुकानों पर न कोई चेकिंग हो रही है और न ही सड़कों पर दौड़ रहे सीएनजी किट लगे वाहनों को कोई चेक कर रहा है, जबकि बिना रजिस्ट्रेशन कराए सीएनजी किट लगाकर वाहन दौड़ाना गैरकानूनी है।
वाहनों में लगी किट की होगी जांच
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा (Siyaram Verma) ने बताया कि सभी सीएनजी स्टेशनों को निर्देश दिया गया है कि वे हर वाहन का रेकॉर्ड रखें। ऐसे वाहनों की जानकारी ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के साथ शेयर करें, जिनमें सीएनजी किट लगी है। लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन दस्तावेज में पेट्रोल वाहन के रूप में दर्ज है।
इन वाहनों के नंबर सीएनजी स्टेशनों (CNG Stations) पर लगे सीसीटीवी में सत्यापित कर सकेंगे। इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से भी सत्यापन कराया जाएगा। हर सीएनजी लगे वाहनों का हर तीन साल में हाइड्रो चेकिंग का प्रावधान है। इसके लिए भी सीएनजी वाहनों में लगी किट की भी जांच होगी।
4 महीने में 50 गुना हुए सीएनजी किट लगवाने वाले
नोएडा जिले में सीएनजी किट (CNG Kit) लगवाने वालों की संख्या फिर से तेजी से बढ़ने लगी है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में वर्ष 2021 में 2336 लोगों ने वाहनों में सीएनजी किट लगवाई थी। 2022 में यह संख्या घटकर 1504 पर सिमट गई। 2023 में यह आंकड़ा घटकर 1179 पर आ गया।
दूसरी तरफ व्यावसायिक वाहनों में सीएनजी किट का आंकड़ा देखें तो 2021 में उनकी संख्या सिर्फ 18 थी। 2022 में यह संख्या 12 हुई तो 2023 में केवल एक थी। वर्ष 2018 में 493 लोगों ने व्यावसायिक वाहनों में सीएनजी किट लगवाई तो वर्ष 2019 में 234 तो 2020 में 34 ने सीएनजी किट लगवाई। इधर वर्ष 2024 का अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल तक 668 लोग अपने वाहनों में सीएनजी किट लगवा चुके हैं। वहीं व्यावसायिक वाहनों की संख्या देखें तो पिछले साल यह संख्या जो एक थी वह इस वर्ष अप्रैल तक 50 हो चुकी है।