Noida-ग्रेटर नोएडा वाले क्रिसमस-न्यू ईयर को लेकर एडवाइजरी जरूर पढ़ लें

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Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा वाले क्रिसमस-न्यू ईयर को लेकर एडवाइजरी (Advisory) जारी की है। बता दें कि नया वायरस का स्वरूप खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके संक्रमण (Infection) से बचने की जरूरत है। इसे देखते हुए लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। मास्क का उपयोग जैसे- कोविड-19 (COVID-19) संबंधी दिशानिर्देशों का का पालन करने का सुझाव दिया है। पढ़िए पूरी खबर…

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आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले सामने आने के बाद गौतम बुद्ध नगर जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों को सतर्क रहने और क्रिसमस तथा नए साल के अवसर पर जश्न के दौरान संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका जताई है। गाजियाबाद और नोएडा में संक्रमण का 1-1 मामला सामने आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने परामर्श जारी कर लोगों को कोविड-19 से बचाव संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है।

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा (Dr. Sunil Sharma) ने बताया है कि वायरस का नया स्वरूप खतरनाक नहीं है लेकिन इसके संक्रमण से बचने की जरूरत है। इसे देखते हुए लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। साथ ही सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए। मास्क का उपयोग जैसे- कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया है।

वायरस से बचाव के लिए सावधानी जरूरी

वायरस के नए स्वरूप से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन बचाव (Rescue) के लिए सावधानी जरूरी है। आमतौर पर खांसी-जुकाम होने पर लोग खुद दवा दुकानदारों से दवा ले लेते है, जो ठीक नहीं है। सीएमओ ने खांसी-जुकाम अथवा फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लेने का सुझाव दिया है। जिला अस्पताल समेत जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड-19 की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार (Dr. Amit Kumar) ने बताया है कि क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का ध्यान रखना जरूरी है। इससे संक्रमण बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया है कि टीबी, कैंसर, मधुमेह, अस्थमा या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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यूपी सरकार ने भी परामर्श जारी कर इंफ्लुएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण के मामलों में सभी मरीजों की आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए कहा गया है और संक्रमण की पुष्टि होने पर नमूने के जीनोम अनुक्रमण के आदेश दिए गए है।

जरूरत पड़ने पर वार्ड और बिस्तर बढ़ा दिए जाएंगे

जिले में कई अस्पतालों सहित कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Jims) में तैयारी शुरू कर दी गई है। अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में 10 बिस्तरों का पृथक वार्ड तैयार किया गया है और जरूरत पड़ी तो वार्ड तथा और बिस्तर बढ़ा दिए जाएंगे। साथ ही अस्पताल आने वाले सामान्य मरीजों की जांच को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।

जिम्स अस्पताल (Jims Hospital) के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta) ने कहा कि यहां अन्य बीमारियों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की पहले एंटीजन जांच कराई जा रही है। राज्य सरकार के सचिव रंजन कुमार की ओर से भी संस्थान प्रशासन को पत्र भेजकर अस्पताल में आने वाले जुकाम, बुखार, खांसी, आदि के रोगियों की विशेष जांच के आदेश दिए गए है। उन्होंने बताया कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ी तो संक्रमित मरीजों के लिए वार्ड और बिस्तर की संख्या बढ़ा दी जाएगी।