Noida-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों में हड़कंप मच गया है।
Noida-Greater Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों (Builders) में हड़कंप मच गया है। यूपी रेरा (UP RERA) ने पंजीकृत करीब 400 प्रोजेक्ट को रेड अलर्ट कैटेगरी (Red Alert Category) में डाले जाने की तैयारी की जा रही है। इस कार्रवाई को करने के लिए रेरा ने सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है। ये वह 400 प्रोजेक्ट हैं, जो रेरा में पंजीकृत तो हैं, लेकिन प्रोजेक्ट (Project) से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज बिल्डर की तरफ से रेरा की वेबसाइट (Website) पर अपडेट नहीं किए गए हैं। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः Noida: नोएडा में सावन माह के उपलक्ष्य में पार्थिव शिवलिंग पूजा का किया आयोजन
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
आपको बता दें कि इन 400 में से करीब 60 प्रतिशत प्रोजेक्ट (Project) नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम सहित एनसीआर से हैं और बाकी दूसरे शहरों के हैं। रेड अलर्ट की कैटेगरी में डालने से बायर्स निवेशकों को यह सुविधा मिलेगी कि वह बिल्डर और उसके प्रोजेक्ट के बारे में जान लेंगे और निवेश करने के बाद उनके फंसने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
प्रोमोटर्स ने नक्शा व भू-अभिलेख भी अपलोड नहीं किए
यूपी रेरा (UP RERA) ने पंजीकृत बिल्डर प्रोजेक्ट की जांच में पाया कि 400 में 160 प्रोजेक्ट के प्रोमोटर्स ने नक्शा व भू-अभिलेख भी अपलोड नहीं किए हैं। इसके लिए रेरा ने इन सभी प्रोमोटर्स को नोटिस जारी किया है और पोर्टल पर जल्द कागजात अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
साल 2018 से लेकर अब तक रेरा ने कई बार नोटिस जारी किए हैं, इसके बाद कागजात अपलोड करने के बजाय सिर्फ 57 प्रोजेक्ट के प्रोमोटर्स ने दस्तावेज अपलोड न करने का कारण बताया। इसके चलते ही निर्णय लिया गया कि जिन प्रोजेक्ट के भू-अभिलेख व नक्शा रेरा पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं, उनके लिए पोर्टल पर ‘अबेएन्स’ यानि रेड अलर्ट की श्रेणी बनाकर इन सभी प्रोजेक्ट को उसमें रखा जाए।
बिल्डर व प्रमोटर के खिलाफ की जाएगी कड़ी कार्रवाई
रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (Sanjay Bhusreddy) की अध्यक्षता में हुई 152वीं बैठक पदाधिकारियों ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया कि बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी रेरा पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड नहीं कर रहे जो प्रोमोटर्स को अब ‘अबेएन्स’ की श्रेणी में रखा जाए। साथ ही इन सभी प्रोजेक्ट के बिल्डर व प्रमोटर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
ये भी पढ़ेः Greater Noida वाले ध्यान दें..रेजिडेंशियल-कमर्शियल लीज रेंट से कटेगी जेब
कम होगी निवेशकों के फंसने की संभावना
रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (Sanjay Bhusreddy) ने कहा कि ऐसा देखने में आया है कि बायर्स सिर्फ रेरा की साइट पर प्रोमोटर के प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन देखकर ही विश्वास कर लेते हैं। वहीं प्रमोटर्स अपने प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड न करके अपनी खामियों को छिपा लेते है। अब अबेएन्स की श्रेणी में होने से बायर्स को प्रोजेक्ट को पहचानने में आसानी हो जाएगी। इससे उनको पता चल जाएगा कि कौन प्रोजेक्ट और प्रमोटर ठीक है और कौन धोखाधड़ी कर रहा है।
रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी (Sanjay Bhusreddy) का कहना है कि बायर्स के साथ किसी प्रकार का धोखा न हो इसी के चलते यह फैसला लिया गया है। कोई बिल्डर रेरा में पंजीकरण के बाद ही बायर्स की बुकिंग कर सकता है। बायर्स का भी मानना है कि प्रोजेक्ट यदि रेरा में पंजीकृत है तो उनका निवेशक सुरक्षित है और उनके साथ धोखा नहीं होगा।