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Noida: अपने लॉकर चेक कीजिए..एक कस्टमर के 5 लाख दीमक ने चट कर डाले

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नोएडा के सिटीजन कोआपरेटिव बैंक में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।

Noida News: नोएडा के सिटीजन कोआपरेटिव बैंक (Citizen Co-operative Bank) में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां बैंक (Bank) के लॉकर में रखे 5 लाख रुपए के नोट दीमक (Note Termites) खा गईं। करीब 3 महीने बाद जब कस्टमर (Customer) ने लॉकर खोला तो उसके होश उड़ गए। उसने तुरंत बैंक प्रबंधन ने शिकायत की। कस्टमर ने कहा कि उसे 5 लाख रुपए दिलाए जाए। लेकिन, बैंक प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए। पढ़िए पूरी खबर…
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यह पूरा मामला नोएडा के सेक्टर-51 स्थित सिटीजन कोआपरेटिव बैंक का है। यहां कस्टमर ने अपने लॉकर में 5 लाख रुपए और ज्वैलरी रखी। 3 महीने बाद जब वह लॉकर चेक करने पहुंचा तो देखा कि तो नोट के बंडल को दीमक खा गई।

पीड़ित कस्टमर के अनुसार, 2 लाख रुपए के नोट को दीमक पूरी तरह से खा गई। जबकि 3 लाख रुपए के नोट ऐसे कर दिए कि वह बाजार में नहीं चल सकते हैं। कस्टमर ने बैंक से कहा कि उसे 2 लाख रुपए दिए जाएं। साथ ही, 3 लाख रुपए के जो नोट दीमक ने कुतर दिए हैं, उसे एक्सचेंज किया जाए।

इधर, लॉकर में दीमक लगने का पता चलते ही बैंक मैनेजर ने सभी लॉकर होल्डरों से संपर्क किया। कहा-अपना-अपना लॉकर आकर चेक कीजिएगा। इसके बाद बैंक में लॉकर चेक करने वालों की भीड़ लग गई।

बैंक 2 से 12 हजार रुपए तक लॉकर की लेता फीस

कस्टमर ने बैंक पर सवाल खड़े किए हैं। कहा- बैंक 2 से 12 हजार रुपए तक लॉकर की फीस लेता है। ऐसे में लॉकर में रखें सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक प्रबंधन की है। साल में कम से कम दो बार टरनाइट यानी दीमक का ट्रीटमेंट कराया जाना चाहिए।

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कस्टमर ने कहा कि बैंक ने लापरवाही की। दीमक का ट्रीटमेंट नहीं कराया गया। वहीं, बैंक मैनेजर आलोक कुमार ने स्वीकार किया कि बैंक की दीवार में सीलन है। इस वजह से दीमक लगी है, लेकिन अन्य लॉकर इसकी चपेट में नहीं आए।

लॉकर में नोट नहीं रखे जा सकते

बैंक की सीनियर मैनेजर इंदु जैसवाल ने कहा लॉकर कस्टमर की सुविधाओं के लिए होता है। इसमें जरूरी दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, कीमती आभूषण समेत अन्य आइटम को रखा जा सकता है, लेकिन लॉकर में पैसा नहीं रखा जा सकता है। लॉकर में नोट रखना RBI की गाइडलाइन का उल्लंघन है। अगर कोई व्यक्ति लॉकर में रुपए रखता है, तो उसे यह साबित करना होगा कि यह उसकी वैध रकम है।

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प्रबंधन की सफाई

शाखा प्रबंधक आलोक ने स्वीकार किया कि बैंक की दीवार में सीलन की वजह से दीमक ने लॉकर को प्रभावित किया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अन्य लॉकर सुरक्षित हैं और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लंघन

नोएडा के एलडीएम इंदु जायसवाल ने बताया कि लॉकर उपभोक्ताओं के लिए होता है। जिससे जरूरी दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, आभूषण और अन्य कीमती वस्तुएं सुरक्षित रख सकें। लेकिन नोट रखना आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। इस मामले में लॉकर होल्डर द्वारा नोट रखना नियमों के खिलाफ है।