उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Nodia News: नोएडा की एक सोसाइटी व्हाइट आर्किड सोसाइटी (White Orchid Society) जहां इन दिनों सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मामला अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AoA) और बिल्डर प्रबंधन की टीम के बीच का है। जिसमें पक्ष और विपक्ष के लोग आमने-सामने हैं और बीच में प्राधिकरण यानी अथॉरिटी को भी शामिल किया गया है।
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क्या है पूरा मामला ?
एसोसिएशन के सचिव ऐश्वर्या प्रकाश पांडेय ने जानकारी दी कि मई में AOA का चुनाव हुआ था। मेरठ डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय में 19 अक्तूबर को एओए को पंजीकृत कराया गया। बिल्डर से हैंडओवर लेने से पहले नवंबर को एओए ने कॉमन एरिया के ऑडिट के लिए टीम को बुलाया। लेकिन बिल्डर ने टीम को प्रवेश नहीं करने दिया। गेट पर बाउंसर खड़े कर दिए। ऐसे में ऑडिट टीम को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद सभी निवासियों ने इकट्ठा होकर विरोध दर्ज कराया। एओए की शिकायत पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराया।
सोसायटी में दूसरे पक्ष का आरोप
सोसायटी निवासी संजय चौहान समेत दूसरे निवासियों का मानना है कि जो AOA के चुनाव हुए थे उसमें जमकर धांधली हुई थी। आरोप है कि यहां सोसायटी का रजिस्ट्रेशन हुआ था। लेकिन एक पक्ष ने अथॉरिटी को गुमराह करके AOA के गठन की बात कह दीा।
यही नहीं एक पक्ष ने अथॉरिटी पर दबाव बनाया कि वो बिल्डर को फ्लैट हैंडओवर करने का आदेश दे। वो भी तब जब AOA का गठन ही नहीं हुआ था। जिसके बाद लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। मामला आगे बढ़ा तो अथॉरिटी ने मैटर रद्द करते हुए यूपी अपार्टमेंट एक्ट के तहत 4 महीने में चुनाव कराने की बात कही। आरोप है कि चुनाव करवाने की जगह एक पक्ष, फ्लैट हैंडओवर की जिद पर अड़ा रहा। साथ ही पुलिस भी बुला ली। वो भी बिना रजिस्ट्री, ओसी आए। मामला बढ़ता देख बिल्डर ने सुरक्षा के लिहजा से गेट पर बाउंसर बिठा दिए ताकि कोई बवाल ना हो। बावजूद इसके एक पक्ष, सोसायटी के ऑडिट पर अड़ा रहा।
पूरे मामले पर क्या सच और क्या झूठ..ये तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन कुल मिलाकर यहां जो भी हो रहा है वो सोसायटी के लिहाज से ठीक नहीं है।