Nitish Kumar: 'Farmers should not face any kind of problem, paddy procurement process should remain fast, said in the review meeting - CM Nitish

Nitish Kumar: किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया में तेजी लाएं, समीक्षा बैठक में बोले- सीएम नीतीश

बिहार राजनीति
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Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने शुक्रवार (1 नवंबर) को 2024-25 के खरीफ विपणन वर्ष में धान अधिप्राप्ति की समीक्षा के लिए बैठक की। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि धान अधिप्राप्ति का कार्य पूरी गंभीरता और तत्परता के साथ किया जाए, ताकि राज्य के किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अधिप्राप्ति कार्य में किसी भी तरह की असुविधा या गड़बड़ी न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

जिलेवार लक्ष्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य तय

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने स्पष्ट किया कि धान अधिप्राप्ति का जिलेवार लक्ष्य धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार तय किया गया है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवन कुमार (N. Sarvan Kumar) ने बैठक में जानकारी दी कि इस वर्ष सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,300 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि 1 नवंबर, 2024 से 15 फरवरी, 2025 तक है और 45 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है।

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धान अधिप्राप्ति का चरणबद्ध आरंभ

बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि राज्य के 19 जिलों में शुक्रवार से प्रथम चरण में धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। शेष जिलों में 15 नवंबर से अधिप्राप्ति का कार्य आरंभ किया जाएगा। इस साल राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या बढ़कर 360 हो गई है, जो धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया को और सशक्त बनाएगी।

किसानों की हर संभव सहायता के लिए सरकार तत्पर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief MInister Nitish Kumar) ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिए हमेशा तत्पर है। अधिप्राप्ति के दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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यह निर्णय और प्रयास इस बात का संकेत हैं कि बिहार सरकार कृषि और किसानों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है, ताकि धान अधिप्राप्ति सुचारू और पारदर्शी रूप से हो सके।