उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो को लेकर बड़ी ख़बर सामने आ रही है। बता दें कि ग्रेनो वेस्ट मेट्रो (Greno West Metro) का रूट बदलने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) ने प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है। इसके लिए शासन में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास को लेटर के माध्यम से मेट्रो कॉरपोरेशन ने रूट बदलने की मंजूरी मांगी है। अब शासन स्तर पर इसका फैसला होगा। शासन से इसकी मंजूरी मांगने से पहले NMRC ने नया रूट जो ब्लू लाइन मेट्रो के सेक्टर-61 में दोनों लाइन को कॉमन प्लैटफॉर्म देकर निकालने की तैयारी है उसकी प्राइमरी स्टडी करवाई है।
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इसमें यह बातें सामने निकल कर आई हैं कि ब्लू लाइन के सेक्टर-61 से अगर ग्रेनो वेस्ट मेट्रो को जोड़ा जाएगा तो मेट्रो घूमकर जाएगी। इससे 2.5 किमी रूट और बढ़ जाएगा। 2 से 3 मेट्रो स्टेशन और बनेंगे। अब शासन से मंजूरी मिलने के बाद NMRC डिटेल सर्वे करवाकर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाएगा।
ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर-2 तक का रूट प्रस्तावित
एक्वा लाइन एक्सटेंशन में ग्रेनो वेस्ट के लिए मेट्रो के नए रूट की डीपीआर पहले से तैयार है। डीपीआर में सेक्टर-51 से ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर-2 तक का रूट प्रस्तावित है, जिसमें 5 स्टेशन आएंगे। इनमें नोएडा में सेक्टर-122 और सेक्टर-123 जबकि ग्रेनो वेस्ट के क्षेत्र में सेक्टर-4 ,ईकोटेक-12 और सेक्टर-2 की लोकेशन चिह्नित है। इस कॉरिडोर की लंबाई 9.605 किमी होगी। दूसरे चरण में यहां से नॉलेज पार्क-5 तक रूट है। इस डीपीआर को यूपी सरकार से लेकर पीआईबी तक की मंजूरी मिल चुकी है।
आगे बस केंद्र में कैबिनेट से मंजूरी मिलनी बाकी बची थी। कैबिनेट नोट तैयार होने की प्रक्रिया में मंत्रालय स्तर पर ब्लू लाइन से कनेक्टिविटी न होने का सवाल उठा दिया गया। इस पर एनएमआरसी ने ब्लू लाइन के सेक्टर-52 से एक्वा लाइन के सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन के बीच स्काईवॉक प्रॉजेक्ट की जानकारी दी, लेकिन मंत्रालय सहमत नहीं हुआ।
स्टडी कराकर कराई गई मंजूरी
फिर दोनों स्टेशन के बीच कोई स्टेशन बनाकर कॉमन प्लैटफार्म की संभावनाएं तलाशी गई जो पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से मेट्रो रूट निकाल कर ब्लू लाइन के सेक्टर-61 स्टेशन को जोड़ फिर सेक्टर-71 से सेक्टर-122 की तरफ निकालने को लेकर योजना है। इस स्टडी को लेकर एनएमआरसी अपनी सहमति दे चुका है। फिर स्टडी करवाई गई और शासन को उसकी रिपोर्ट भेजकर मंजूरी मांगी गई है।
काम में होगी देरी और लागत भी बढ़ेगी
NMRC ने अपना मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने के लिए 2018 से ही ग्रेनो वेस्ट के रूट पर नजर डालनी शुरू की थी। उस समय प्रस्ताव भी बना, लेकिन एक्वा लाइन की पहली लाइन के संचालन पर पूरा जोर दिया गया। साल 2019 के जनवरी में एक्वा लाइन पर मेट्रो दौड़ने के बाद ग्रेनो वेस्ट की तैयारी फिर से शुरू हुई। डीपीआर तैयार करवाया गया। 2020 से एनएमआरसी ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू की। अब तक तीन बार टेंडर हो चुका है। दो बार में एजेंसियों की संख्या ही तीन नहीं हो पाई।
रूट बदलने से बढ़ेगी लागत
तीसरी बार में तीन एजेंसी आई। टेंडर ओपन करने के बाद एनएनमआरसी प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए डीपीआर की मंजूरी कर रहा था। फिर मंजूरी न मिलने से टेंडर रद्द कर दिया गया। उस समय इस लाइन पर करीब 1521 करोड़ रुपये निर्माण खर्च का आकलन हुआ। इसमें सिविल वर्क के लिए करीब 500 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित थी। अब रूट बदलने से स्टेशन व दूरी बढ़ने से लागत बढ़ेगी। समय बढ़ने के साथ लागत भी बढ़ेगी।