Medical Colleges में डॉक्टरों के साथ ही पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन लागू होगी।
Medical Colleges News: मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों (Doctors) के साथ ही पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स (Students) की सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन लागू होगी। मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों की आत्महत्या भी एक गंभीर समस्या है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक आने वाले नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने स्टूडेंट्स की सुरक्षा में ढिलाई बरतने वाले कॉलेजों को चेतावनी जारी की है। कॉलेजों से सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को तो कहा ही है, साथ ही कुछ और उपाय भी किए जा रहे हैं। NMC ने हर मेडिकल कॉलेजों में मेंटरशिप प्रोग्राम को जरूरी बनाया है। जिसके तहत छात्रों को सुविधा मिलेगी। पढ़िए पूरी खबर…
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Medical Colleges News: NMC की अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की प्रेजिडेंट डॉ. अरूणा वी. वानिकर (Dr. Aruna V. Vanikar) ने बताया है कि देश के सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में, विशेषकर नए छात्रों को इमोशनल सपोर्ट देने के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम को जरूरी किया गया है। यही नहीं, पैरंट्स भी छात्र और फैकल्टी मेंबर्स के साथ मीटिंग के लिए कॉलेज आ सकेंगे।
Medical Colleges News: फैमिली मेंबर्स से मिलने पर नए छात्र अपनी किसी भी तरह की समस्या को पैरंट्स के साथ साझा कर सकेंगे। पैरंट्स उस बारे में मैनेजमेंट के साथ बात कर सकते हैं। स्कूलों में होने वाली पैरंट्स-टीचर्स मीटिंग की तर्ज पर ऐसा हो सकेगा।
जानिए क्या है मेंटर-मेंटी प्रोग्राम?
Medical Colleges News: डॉ. अरूणा वी. वानिकर (Dr. Aruna V. Vanikar) का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में हर मेंटर (फैकल्टी मेंबर) को 3 छात्रों को अडॉप्ट करना होगा। इस योजना की खास बात यह है कि ये 3 छात्र अपनी पढ़ाई के 5वें वर्ष यानी इंटर्नशिप के दौरान तक उसी मेंटर के साथ संपर्क में रहेंगे। हर वर्ष उस छात्र के साथ नया मेंटर नहीं होगा। यही नहीं, एक मेंटर हर वर्ष 3-3 छात्रों को अपने साथ जोड़ेगा, इस तरह से 4 वर्ष के दौरान एक मेंटर के पास 12 छात्र होंगे और वही 12 छात्र अपने अनुभवों को एक-दूसरे के साथ शेयर कर सकेंगे।
Medical Colleges News: हर साल एक मेंटर के पास 3-3 छात्र जुड़ते रहेंगे, जो 4 वर्ष और उसके बाद इंटर्नशिप तक उन्हीं छात्रों के साथ जुड़े रहेंगे। इससे सीनियर व जूनियर छात्र मिलकर चलेंगे। छात्रों के बीच दोस्ती का रिश्ता और मजबूत होगा। मेंटरशिप सिस्टम से छात्रों को उनके जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने पर भावनात्मक और नैतिक सहारा पाने में मदद मिलेगी।
मैनेजमेंट को कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए
Medical Colleges News: ये विशेष रूप से बाहरी छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगी, जिन्हें बाहर से आकर महानगर में जीवन का सामना करना पड़ता है। अगर छात्र को समय पर भावनात्मक सहारा मिलेगा, तो सुसाइड जैसे मामलों में भी कमी आएगी। साथ ही कॉलेजों में ड्रग्स, अल्कोहल का इस्तेमाल रोकने के लिए मैनेजमेंट को कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मैनेजमेंट अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकेगा।
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Medical Colleges News: बता दें कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र (Students) डॉक्टर बनने से पहले ही डिप्रेशन, एंग्जाइटी, तनाव जैसी बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। NMC की एक कमिटी की रिपोर्ट में भी यह सामने आया है। NMC को केवल मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोर्स को ही अपडेट नहीं करना है, बल्कि छात्रों के तनाव व डर को भी दूर करना है। कड़ी परिस्थितियों से गुजरने के बाद एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों पर परिवार की उम्मीदों का बोझ, हॉस्टल, एग्जाम, रैंगिंग का डर जैसे मुद्दे हावी रहते हैं।
सभी समस्याओं को लेकर NMC ने दिशा-निर्देश तैयार किए
Medical Colleges News: NMC ने इन सभी समस्याओं को लेकर दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिसे जारी किया जा रहा है। अब जरूरत है कि मेडिकल कॉलेज भी NMC के निर्देशों को पूरी तरह से माने और इसके लिए NMC को सख्ती बरतनी होगी। निर्देश न मानने वाले कॉलेजों पर कार्रवाई की भी योजना है।