Dwarka Expressway: नोएडा से गुरुग्राम तक सफर करने वाले लोगों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि भारत के प्रमुख महानगरों को कनेक्ट करने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे की एक नई कड़ी के रूप में द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) तैयार किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे (Expressway) के शुरू होने के बाद हर दिन लगभग 12 लाख वाहनों का दबाव मुख्य मार्गों पर कम हो जाएगा।
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जल्द खुलेंगे एक्सप्रेसवे के सेक्शन
NHAI के मुताबिक द्वारका एक्सप्रेसवे का दिल्ली सेक्शन (Delhi Section) का काम 80% कंप्लीट हो गया है, और कुछ सेक्शन इसी महीने आम लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे।
गुरुग्राम सेक्शन का विकास
गुरुग्राम (Gurugram) प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार द्वारका एक्सप्रेसवे के पैकेज इसी महीने के अंत तक खुल सकते हैं, जो हरियाणा बॉर्डर से बसाई और खेरकी दौला तक का रूट कवर करेगा।
जानिए एक्सप्रेसवे की खासियत
द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है।
इसमें 18.9 किलोमीटर गुरुग्राम में और 10.1 किलोमीटर दिल्ली में बन रहा है।
12,000 पेड़ों का रोपण इसे एक ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाता है।
अद्वितीय डिजाइन और सुविधाएं
चार स्तरीय सड़क नेटवर्क शामिल हैं
फ्लाईओवर, सुरंग, अंडरपास, और एलिवेटेड रोड्स।
एक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ITS) से लैस।
रिहायशी और कमर्शियल सेक्टर्स को कनेक्ट करता है।
साइकिल और पैदल यात्रा के लिए समर्पित पथ
इस एक्सप्रेसवे में एक 2.5 मीटर चौड़ा साइकिल और बाइक पथ भी बनाया जा रहा है, जो स्थानीय निवासियों को स्वस्थ और सुरक्षित आवागमन का विकल्प प्रदान करता है।
इस प्रोजेक्ट से 10 लाख लोगों को सीधा फायदा
द्वारका एक्सप्रेसवे के शुरू होने से करीब 10 लाख लोगों को सीधा लाभ होगा। यही नहीं दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से 40 प्रतिशत तक ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे एवं सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) से जोड़ने के लिए खेड़कीदौला के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। एसपीआर एक तरफ जहां गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ा है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से जुड़ा है।
एफिल टावर से 30 गुना ज्यादा स्टील का हुआ है प्रयोग
द्वारका एक्सप्रेसवे देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है जिसमें 20 लाख मीट्रिक टन स्टील का प्रयोग हुआ है, जो कि एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना ज्यादा है। इसी तरह से इसके निर्माण में 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का भी उपयोग हुआ है जो कि बुर्ज खलीफा की तुलना में 6 गुना ज्यादा है। इसके साथ ही निर्माण के दौरान 12 हजार वृक्षों का ट्रांसप्लांट भी लगाया गया है जो कि भारत में इतने बड़े स्तर पर पहले कभी नहीं हुआ है।
दिल्ली से गुरुग्राम मात्र 26 मिनट में पहुंचेंगे
द्वारका एक्सप्रेसवे नेशनल हाईवे आठ पर दिल्ली के महिपालपुर (Mahipalpur) में शिव मूर्ति से शुरू होता है जो गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा पर समाप्त होता है। द्वारका एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से गुरुग्राम जाने में केवल 26 मिनट का ही समय लगेगा। द्वारका से मानेसर जाने में 15 मिनट, मानेसर से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा तक 22 मिनट, द्वारका से सिंघु बॉर्डर तक 26 मिनट और मानेसर से सिंघु बॉर्डर तक 46 मिनट में ही लोग आ जा सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से जाम से छुटकारा मिल जाएगा।