Mukhtar Ansari: मुख्तार गैंग का शार्प शूटर जमशेदपुर में ढेर, 2.5 लाख रुपये का था इनाम
Mukhtar Ansari: यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) भले ही अब इस दुनिया में न हो, लेकिन उसका आपराधिक नेटवर्क अभी भी सक्रिय है। इस गैंग को जड़ से उखाड़ने के लिए पुलिस (Police) लगातार अभियान चला रही है। इसी कड़ी में शनिवार देर रात यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और झारखंड पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन में मुख्तार अंसारी गैंग के कुख्यात शार्प शूटर अनुज कनौजिया को जमशेदपुर (Jamshedpur) में ढेर कर दिया। यूपी पुलिस ने अनुज पर 2.50 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि अनुज कनौजिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का भरोसेमंद शूटर था। मुख्तार के अच्छे दिनों में उसकी ठाठ-बाट भी किसी डॉन से कम नहीं थी। वह हथियारों की खरीद-फरोख्त, शूटर्स की भर्ती और ठेके पर हत्याओं की साजिश रचने जैसे कामों में माहिर था। साल 2012 में वह गोरखपुर जिला कारागार में बंद रहा था। लेकिन, मुख्तार के बुरे दौर की शुरुआत के साथ ही अनुज अकेला पड़ गया और STF से बचने की कोशिश करता रहा।
पुलिस पर फायरिंग के बाद मुठभेड़ में ढेर

पुलिस (Police) के मुताबिक, खुफिया सूचना के आधार पर अनुज को पकड़ने की कोशिश की गई। लेकिन उसने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और एक बम भी फेंका। जवाबी कार्रवाई में हुई गोलीबारी में अनुज मारा गया। घटनास्थल से पुलिस ने दो पिस्तौल, भारी मात्रा में कारतूस और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। ऑपरेशन के दौरान यूपी STF के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डीएसपी धर्मेश कुमार शाही भी घायल हो गए। उनके कंधे में गोली लगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया।
23 से अधिक आपराधिक मामले थे दर्ज
मऊ जिले (Mau district) का रहने वाला अनुज कनौजिया पूर्वांचल में अपराध की दुनिया का बड़ा नाम था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी और पुलिस पर हमले जैसे 23 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज थे। पुलिस का दावा है कि वह किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहा था। दो दिन पहले ही उस पर इनाम की राशि 1 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी। पिछले पांच साल से वह पुलिस को चकमा दे रहा था।

खुफिया इनपुट से शुरू हुआ ऑपरेशन
यूपी पुलिस के अतिरिक्त डीजी अमिताभ यश (Amitabh Yash) ने बताया कि अनुज की जमशेदपुर में मौजूदगी की पक्की सूचना मिली थी। शनिवार रात 10:30 बजे छोटा गोविंदपुर इलाके में उसके ठिकाने को घेरा गया। अनुज अपने साले के घर में छिपा था, जहां उसने ऑफिस बना रखा था। जैसे ही पुलिस ने घर को चारों तरफ से घेरा, उसने अंदर से फायरिंग शुरू कर दी। करीब 20 राउंड गोलियां चलाने के बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया।
मुख्तार गैंग का भरोसेमंद शूटर
अनुज कनौजिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) गैंग का अहम सदस्य था। वह दोनों हाथों से एक साथ पिस्तौल चला सकता था, जिसके चलते वह गैंग में तेजी से उभरा। हथियारों की खरीद-फरोख्त, शूटर्स की भर्ती और ठेके पर हत्याओं की साजिश रचने में वह माहिर था। मुख्तार के अच्छे दिनों में उसकी शानो-शौकत भी कम नहीं थी। हालांकि, मुख्तार की मौत के बाद वह लगातार पुलिस के निशाने पर था।
डीके शाही की अहम भूमिका
यूपी STF के डीएसपी धर्मेश कुमार शाही (DSP Dharmesh Kumar Shahi) को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है। अब तक वे 50 से अधिक अपराधियों को ढेर कर चुके हैं और कई बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं। इस ऑपरेशन में उनकी अगुवाई ने अहम भूमिका निभाई।
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2021 में कुर्क हुई थी संपत्ति
अनुज पर दबाव बढ़ाने के लिए 21 सितंबर 2021 को आजमगढ़ के बहलोलपुर नवापुरा में उसकी चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई थी। उसके घर को बुलडोजर से ढहाया गया था और परिजनों पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी।
गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश तेज
पुलिस (Police) अब अनुज के मोबाइल डेटा की जांच कर रही है जिससे मुख्तार गैंग के बाकी सदस्यों तक पहुंचा जा सके। इस एनकाउंटर को अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।

