MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने कहा है कि धार्मिक स्थलों के आसपास और नर्मदा किनारे स्थित पवित्र नगरों में मांसाहारी भोजन और शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नर्मदा के समग्र विकास पर गठित मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में शुक्रवार (Friday) को मोहन यादव ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि नर्मदा (Narmada) के उद्गम स्थल अमरकंटक और नदी के अन्य स्थानों से गुजरने वाले किसी भी आवासीय क्षेत्र से नदी में सीवेज का पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए समय-सीमा में योजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि सॉलिड वेस्ट के निपटान के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। नदी के उद्गम स्थल से दूर किसी क्षेत्र में सैटेलाइट सिटी बसाने का निर्णय भी लिया गया है। अमरकंटक में नर्मदा से संबंधित सभी कार्य अमरकंटक विकास प्राधिकरण (Amarkantak Development Authority) के माध्यम से किए जाएंगे।
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इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नर्मदा नदी के आसपास और आसपास के क्षेत्रों में होने वाली सभी गतिविधियों पर ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी की मदद से नजर रखी जाएगी। मोहन यादव ने कहा कि नदी में किसी भी तरह की खुदाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा कि नर्मदा के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। नदी की परिक्रमा करने वालों की मदद के लिए नदी की परिक्रमा का मार्ग विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नर्मदा दुनिया की एकमात्र नदी है, जिसकी परिक्रमा लोग करते हैं। उन्होंने कहा कि परिक्रमा पथ पर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि इस तरह के काम ग्राम पंचायतों के माध्यम से भी किए जाने चाहिए। सीएम यादव (CM Yadav) ने कहा कि नदी की परिक्रमा करने वालों को उचित भोजन और रहने की व्यवस्था की जानी चाहिए और युवाओं को होमस्टे (Homestay) विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सीएम मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा विकास कार्यों में सरकारी एजेंसियों के अलावा स्वयंसेवी संगठनों, आध्यात्मिक संगठनों, धार्मिक गुरुओं और आम आदमी को भी शामिल किया जाना चाहिए।