Jyoti Shinde,Editor
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के आगाज़ के ठीक पहले बीजेपी के नाराज़ नेता-कार्यकर्ता अन्य दलों का रुख़ कर रहे हैं। इस दल-बदल की सियासत में विपक्षी दल कांग्रेस, भाजपा में सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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आए दिन पार्टी में कोई ना कोई पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री दल- बदल का खेल, खेल रहे हैं। लेकिन, भाजपा में सेंध लगाने के बाद भी कांग्रेस भाजपा के पलटवार की शंका में आगामी चुनाव के लिए डर रही है। कांग्रेस, पलटवार के अंदेशे से अलर्ट होकर, अपनी पार्टी के नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं।
राज्य में भाजपा तब ज्यादा सतर्क हुई, जब पूर्व मंत्री और जनसंघ संस्थापकों में से एक कैलाश जोशी के पुत्र और 3 बार विधायक रह चुके दीपक जोशी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया । दीपक जोशी के साथ दतिया के पूर्व विधायक राधेलाल बघेल ने भी कांग्रेस का रुख कर लिया है। मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मनोज चौधरी ने दीपक जोशी को हरा दिया था, इसलिए भी पूर्व मंत्री जोशी का मामला ज्यादा दिलचस्प है। जोशी इस शिकायत के आधार पर भी कांग्रेस में शामिल हुए, कि उन्हें राज्य इकाई से महत्व मिलना बंद हो गया था।
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नेताओं के दल बदलने का दौर अभी और तीव्र होने की आशंका
इस तरह भाजपा के समर्थकों का पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल होने से आने वाले समय में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। दरअसल चुनाव के ठीक पहले इस तरह पार्टी के समर्थकों का दल बदलना पार्टी के लिए नकारात्मक माहौल बना सकता है। राजनैतिक विश्लेषक और लेखक राशिद किदवई कहते हैं, कि पहली बार भाजपा के सामने कांग्रेस के अलावा अपने ही असंतुष्ट नेता चुनौती बने हुए हैं। इस दल-बदल के खेल में भाजपा भी पीछे नहीं रहेगी। सेंध लगाने की जीत के बाद भी कांग्रेस को भाजपा से पलटवार का डर सता रहा है।