Mock Drill: नोएडा-ग्रेटर नोएडा समेत यूपी के इन जिलों में मॉक ड्रिल, जानिए समय और पूरी डिटेल…
Mock Drill: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच देशभर के संवेदनशील जिलों में आज बुधवार को मॉक ड्रिल (Mock Drill) की जाएगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) समेत यूपी के इन जिलों में भी अब इसका आयोजन होगा। बता दें कि पहले गौतमबुद्ध नगर (Gautam Budhhanagar) जिले को इस सूची में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन यूपी के डीजीपी के निर्देश के बाद अब जिले में भी मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

यह अभ्यास गृह मंत्रालय (Home Ministry) के निर्देश पर हो रहा है, जिसका मकसद आतंकी हमले या युद्ध जैसे हालात में त्वरित और समन्वित कार्रवाई का मूल्यांकन करना है। जिले में मेट्रो स्टेशन, मॉल, स्कूल, होटल और विश्वविद्यालय समेत 100 से अधिक स्थानों पर बुधवार सुबह 11 बजे से मॉक ड्रिल शुरू होगी, जो कई घंटे चलेगी।
जिले भर में भारी पुलिस बल की तैनाती
इस मॉक ड्रिल (Mock Drill) में करीब 500 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। साथ ही, सीआईएसएफ की टीमें भी प्रमुख रूप से मेट्रो स्टेशनों और एनटीपीसी दादरी में अभ्यास करेंगी। मॉल और स्कूलों में प्रशासन की टीमें और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी शामिल होंगी। गेल और एनटीपीसी जैसी संवेदनशील संस्थाओं में भी ड्रिल होगी, जहां कर्मचारियों और अधिकारियों को आपात स्थिति में अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी।
किस जिले में कब होगा मॉक ड्रिल, जानिए समय
- नोएडा/ग्रेटर नोएडा सुबह 11:00 बजे
- लखनऊ शाम 6:59 बजे
- अयोध्या शाम 7:00 बजे
- बागपत शाम 7:15 बजे
- बुलंदशहर शाम 4:00 बजे
- वाराणसी सुबह 11:00 बजे
- प्रयागराज शाम 6:30 बजे
- बरेली रात 8:00 बजे
- आगरा रात 8:00 बजे
- मथुरा शाम 7:00 बजे
- गोरखपुर शाम 6:30 बजे
- जौनपुर सुबह 11:00 बजे
- उन्नाव सुबह 11:00 बजे
- शामली सुबह 11:00 बजे
- झांसी शाम 4:00 बजे
- सहारनपुर शाम 4:00 बजे
- कानपुर सुबह 9:30 व शाम 4 बजे
- चंदौली शाम 7:00 बजे
- मेरठ शाम 4:00 बजे
- मुरादाबाद दोपहर 12:00 बजे
- बिजनौर सुबह 11:00 बजे
मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा?
हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन गूंजेंगे। लोगों को सुरक्षित स्थान जैसे बंकर या मजबूत इमारतों में जाने का अभ्यास कराया जाएगा प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों में विशेष सत्र आयोजित होंगे।

मॉक ड्रिल से जुड़े सवाल और जवाब को ऐसे समझें
क्या होता है ब्लैक आउट?
मॉक ड्रिल (Mock Drill) के दौरान ब्लैकआउट किया जाएगा। ब्लैक आउट का उद्देश्य रात में हर तरफ अंधेरा करना होता है जिससे युद्ध के हालात में दुश्मन को रिहाइशी क्षेत्रों की भनक नहीं लगे।
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मॉक ड्रिल क्यों की जाती है?
यह आपात स्थिति से निपटने की तैयारी होती है। इसके तहत हर व्यक्ति एक दूसरे की मदद की भावना से मैदान में उतरता है। कई चुनौतियां से निपटने को इस तरह की मॉक ड्रिल अलग-अलग देशों में होती है।
क्या सबको हिस्सा लेना जरूरी?
संवेदनशील जिलों में जिला प्रशासन की निगरानी में मॉक ड्रिल होगी। इसमें सिविल डिफेंस वार्डेन, होम गार्ड, नेशनल कैडेट कॉर्प्स, राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े लोग के साथ हर उम्र के नागरिक इसमें शामिल होंगे।

ड्रिल के दौरान क्या करें?
मॉक ड्रिल में खतरे से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन होता है। इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। हर व्यक्ति को सावधानी व संयम से आगे की रणनीति पर काम करना होता है, इसमें अपनी और दूसरों की सुरक्षा अहम होती है।
आपात स्थिति से अंतर?
मॉक ड्रिल (Mock Drill) की जानकारी आमजनों को पहले ही दी जाती है। इसमें सायरन या चेतावनी संकेतों के साथ घोषणाएं की जाती हैं। आपात स्थिति में अचानक किसी संकट की सूचना मिल सकती है। सिर्फ विश्वसनीय सूत्रों की सूचना पर ही विश्वास करें।
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सोलर लाइट लगी है तो क्या करें?
सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटों में ऑन-ऑफ का सिस्टम नहीं होता है। जैसे ही अंधेरा होता है ये जल उठती है। ऐसे में इसको बंद करने के लिए सौर प्लेट और लाइट के बीच लगे तार को अलग कर दीजिए।
सायरन का संदेश कैसे समझें?
सायरन लंबा बजता है तो ये अलर्ट है, सायरन थोड़ी देर के लिए बजता है और बंद हो जाता है। मतलब की सब सामान्य और सुरक्षित है। छोटे सायरन के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ बढ़ना चाहिए। हां ध्यान रखना है जल्दबाजी में किसी खतरे भरी जगह का चयन न ना हो।