Delhi News: राजधानी दिल्ली में 3 अवैध कॉलोनियों में रहने वालों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली (Delhi) की इन 3 अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को एमसीडी बड़ा तोहफा देगी। एमसीडी (MCD) ने अपने मास्टर प्लान में दिल्ली की 3 कॉलोनियों को वैध करने की योजना बनाई है। इस प्रोजेक्ट (Project) के अनुसार इन कॉलोनियों में सड़कों (Roads) का निर्माण किया जाएगा। पढ़िए पूरी खबर…
ये भी पढ़ेः दिल्ली में गाड़ी चलाने वालों को परिवहन विभाग ने बड़ी राहत दी
दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी अपने मास्टर प्लान (Master Plan) के अनुसार जल्द ही इन अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एमसीडी एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 3 कॉलोनियों (Colonies)- ईस्ट आजाद नगर, स्वरूप नगर और खिड़की एक्सटेंशन को नियमित करने के लिए चुना गया है। एमसीडी ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के सहयोग से इन इलाकों के लिए पहले ही सड़क नेटवर्क योजना तैयार कर ली है। प्रस्तावित सड़क योजनाओं में 6 से 12 मीटर चौड़े रास्ते शामिल हैं।
अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को राहत
20 दिसंबर को सरकार ने संसद में दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों (Unauthorized Colony) को अगले 3 सालों में यानी दिसंबर 2026 तक सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक विधेयक पारित किया गया था। इस कदम का उद्देश्य इन अनौपचारिक बस्तियों में रहने वाले अनगिनत लोगों को बड़ी राहत देना है, क्योंकि इस कानून के अनुसार अवैध कॉलोनियों में सीलिंग और बुलडोजर एक्शन जैसी कार्रवाइयों पर रोक लगेगी।
कॉलोनियों में चौड़े किए जा रहे रास्ते
इन इलाकों में एमपीडी (MPD) के कार्यान्वयन के लिए एमसीडी (MCD) का लक्ष्य इमरजेंसी वाहनों जैसे दमकल गाड़ियों को निकालने के लिए अंदर के रास्तों को चौड़ा करना है। इसमें कुछ घरों और दुकानों को गिराना शामिल होगा, जिन्हें पहले ही हटाने के लिए चिह्नित किया जा चुका है। इन कॉलोनियों के भीतर प्रस्तावित सड़कें क्रमश 13 और 10 मीटर चौड़ी होंगी।
पायलट प्रोजेक्ट में ये योजनाएं भी शामिल
कॉलोनियों को नियमित करने के साथ ही पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) में सरकारी भवनों जैसे- स्कूल, एक पुलिस स्टेशन, एक दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय और एक स्टेडियम का निर्माण भी शामिल है। इन भवनों के लिए आवश्यक भूमि की पहचान कर ली गई है और उन्हें उनकी संबंधित श्रेणियों के आधार पर भूखंडों में विभाजित किया गया है।
पिछले कुछ सालों में सरकार ने कई अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों को सड़क, सीवरेज और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं देने की कोशिश की है। दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के साथ एमसीडी इन कॉलोनियों में डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट लागू करने में शामिल रहा है।
हजारों अवैध कॉलोनियों में रहते हैं सात लाख परिवार
वर्ष 1957 में दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) की स्थापना के बाद से दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियां मौजूद हैं। ये बस्तियां आधिकारिक स्वीकृति के बिना बनी, क्योंकि डीडीए पर्याप्त कम लागत वाली बिल्डिंग का निर्माण करने और पड़ोसी राज्यों से प्रवासियों की आमद में असमर्थ था।
फिलहाल राजधानी दिल्ली में करीब 1070 अनधिकृत कॉलोनियां हैं, जिनमें से सभी को बिल्डिंग और नागरिक नियमों का पालन किए बिना विकसित किया गया है, इन्हें बनाने में मास्टर प्लान (Master Plan) का उल्लंघन हुआ है। अनुमान है कि इन अनधिकृत कॉलोनियों में लगभग 7 लाख परिवार रहते हैं।