लखनऊ में मौत की बिल्डिंग..8 से ज़्यादा लोगों ने गवाईं जान
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर (Transport Nagar) में शनिवार शाम बारिश के दौरान एक बड़ा हो गया। शहीद पथ किनारे स्थित हरमिलाप टावर (Harmilap Tower) भरभराकर जमींदोज हो गया। इस हादसे में अब तक एक कारोबारी समेत 8 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग (People) घायल बताए जा रहे हैं। यह आंकड़ा अभी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। पढ़िए पूरी खबर
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आपको बता दें कि सभी घायलों को अस्पतालों (Hospitals) में भर्ती कराया गया है। इनका इलाज जारी है। मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस कांप्लेक्स में दवा, इंजन आयल कंपनियों समेत चार गोदाम थे। जिनमें 30 से अधिक लोग काम कर रहे थे।
अचानक इमारत ढहने की वजह क्या है?
ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयर हाउस के प्रवक्ता राजनरायण सिंह (Rajnarayan Singh) का कहना है कि जलभराव से नींव कमजोर होने के कारण इमारत गिरी है। इसकी कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
हादसे के समय इमारत के भीतर मौजूद गोंडा के दीपक कुमार ने बताया कि वह दवा कंपनी में काम करता है। अचानक देखा कि इमारत का पिलर एक तरफ धंस रहा है जिससे बिल्डिंग झुक रही है। दीपक चीखते हुए लोगों को बाहर आने के लिए कहने लगा। लोग निकलते इससे पहले ही इमारत भरभरा कर गिर गई।
क्या ट्रक की टक्कर से गिरी इमारत?
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना से घंटे भर पहले एक पिलर का प्लास्टर टूटकर गिरा था। कुछ लोग कांप्लेक्स के पिलर पर ट्रक की टक्कर की भी आशंका जता रहे हैं। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि जांच के बाद ही वजह सामने आ पाएगी कि इमारत कैसे गिरी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन सेल के प्रभारी अतुल कृष्ण सिंह ने कहा कि इमारत कुमकुम सिंघल की है। इसका मानचित्र 31 अगस्त 2010 को पास हुआ था।
राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया
इमारत में बेसमेंट नहीं था और न ही निर्माण कार्य हो रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार और एडीजी ला एंड आर्डर अमिताभ यश को मौके पर भेजा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया।
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सभी मृतकों की हुई पहचान
पुलिस ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है। पुलिस के मुताबिक सभी 8 मृतकों की पहचान मनजीत सिंह साहनी, धीरज, पंकज, अरुण, राम किशोर, राजेश कुमार, रुद्र यादव और जगरूप सिंह के रूप में हुई है। वहीं 28 घायलों को बाहर निकालने के बाद भी कहा जा रहा है कि कई लोग लापता हैं। अब पुलिस और आपदा राहत टीमें मलबे के अंदर इन लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। इसके लिए जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है।
पूरी रात खुला LDA का दफ्तर
इस घटना के बाद पूरी रात लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) का दफ्तर खुला रहा। जांच रिपोर्ट तैयार की गई। एलडीए के सचिव के साथ एक टीम घटना स्थल पर जांच करने भी पहुंची थी। जिससे पता चल सके कि कहीं निर्माण के दौरान अनियमितता और मानकों की अनदेखी तो नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो इस घटना की जांच रिपोर्ट सीनियर अफसरों को सौंप दी गई है।