Noida: अगर आपका भी सपना दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में घर खरीदने का है तो यह खास खबर आपके ही लिए है। आपको घर खरीदने से पहले ग्रीन होम्स के बारे में जरूर जान लेना चाहिए, जिससे आप अपने आशियाने को सबसे बेहतर बना सकें, लेकिन क्या आपको पता है कि क्या होते हैं ग्रीन होम (Green Home)? आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के नोएडा शहर में पहली ग्रीन सोसायटी (Green Society) बनकर तैयार हो गई है, जो न केवल पर्यावरण बल्कि कई मायनों में इन शहरों में बन रहे फ्लैट, अपार्टमेंट और घरों से बेहतर है।
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इसे हाउस ऑफ फ्यूचर (House of Future) भी कहा जाता है। रियल स्टेट सेक्टर में पर्यावरण को बचाने के लिए इस तरह मकान बनाने का चलन बढ़ रहा है। नोएडा के सेक्टर 144 स्थित गुलशन डायनेस्टी सोसाइटी एनसीआर की पहली पर्यावरण संरक्षण करने वाली सोसाइटी बनकर तैयार हो गई है। गुलशन डायनेस्टी को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल की ओर से प्लैटिनम सर्टिफिकेट दे दिया है। लेकिन इस सोसायटी में डुप्लेक्स की कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। लग्जरी अपार्टमेंट की कीमत 7.5 करोड़ से लेकर 8.5 करोड़ तक रखी गई है।
कैसे होते हैं ईको फ्रेंडली होम
बात करें इको-फ्रेंडली होम की तो इस बनाने में लकड़ी, मेटल और ग्लास जैसी रिसाइकिल की जा सकने वाली मैटेरियल का प्रयोग किया जाता है। इस तरह के निर्माण पर खर्च भी कम आता है और वेस्ट भी कम होता है। कंस्ट्रक्शन को पर्यावरण फ्रेंडली बनाए रखने के लिए हरी छत यानी ग्रीन रूफिंग का ध्यान रखने से काफी लाभ होते हैं। ईको फ्रेंडली होम ऊर्जा की खपत को 30 प्रतिशत, पानी के उपयोग को 40 प्रतिशत और अपशिष्ट उत्पादन को कम कर देती हैं।
कितनी आती है इको फ्रेंडली होम को बनाने में लागत
ईको फ्रेंडली होम को बनाने में लागत जरुरत के हिसाब से कम ज्यादा होती रहती है। बजट को कम रखने के लिए आपको ज्यादा से ज्यादा उपलब्ध साधन, जैसे- जमीन से निकली मिट्टी और इको फ्रेंडली व किफायती रॉ मटेरियल (लेटराइट पत्थर, कोटा पत्थर, पुरानी मंगलोर टाइल्स आदि) का प्रयोग करके बनाते हैं तो इसकी लागत 12 से 15 लाख के आस पास आएगी। वहीं, अगर आप अपने ईको फ्रेंडली होम में पर्यावरण से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा चीजों का प्रयोग कर रहे हैं जैसे सोलर सिस्टम,छत की सतह पर इस बॉटनिकल लेयर,माड्यूलर कंस्ट्रक्शन आदि का उपयोग करके भी घर बना सकते है, ऐसे में लागत थोड़ी बढ़ जाएगी। आम तौर पर देखा जाये तो एक इको फ्रेंडली होम को बनाने में 12 -15 लाख से लेकर 30 -40 लाख और इससे ज्यादा तक लागत आ सकती है।
ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भारत भूस्खलन, बेमौसम बारिश, सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में अब लोग ऐसे घर की तलाश करते है जो पर्यावरण के अनुकूल हो। यही कारण है कि रियल एस्टेट सेक्टर अपनी परियोजनाओं में पर्यावरण के अनुकूल समाधानों को अपनाने पर जोर दे रहा है।
कैसे मिलता है सर्टिफिकेट
पर्यावरण संरक्षण के साथ कम बिजली खपत नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों का इस्तेमाल और जल संरक्षण आदि को लेकर भी यह सर्टिफिकेट जारी होता है। एन ऑपरच्युनिटी टु लीवरेज शीर्षक के तहत केपीएमजी इंडिया और कोलियर्स की हाल में जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में भारत के रियल एस्टेट बाजार में पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं पर काफी जोर दिया दे रहा है। यही वजब है कि कामकाज के लिए ग्रीन ऑफिस के स्टॉक में 2016 के मुकाबले वर्तमान में 83 फीसदी की वृद्धि हुई है।
जान लीजिए एक्सपर्ट की राय
एनसीआर की पहली ग्रीन बिल्डिंग बनाने को लेकर गुलशन ग्रुप की डायरेक्टर युक्ति नागपाल का मानना है कि सोसाइटी न सिर्फ रहने के लिए बेहतरीन स्थान है बल्कि पर्यावरण के लिए भी पूरी तरह से अनुकूल है। पृथ्वी को बेहतर और हरित गृह बनाने के लिए इस तरह की पहल जरूरी है और आने वाले समय में भी इस तरह के निर्माण करते रहेंगे।