Delhi University के Top 7 मैनेजमेंट कोर्स के बारे में जानिए

Trending एजुकेशन
Spread the love

Top 7 Delhi University Management Course: दिल्ली यूनिवर्सिटी भारत की टॉप सेंट्रल यूनिवर्सिटी (Central University) में से एक मानी जाती हैं। जहां भारत के सभी राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी स्टूडेंट्स (Students) हर साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आते हैं। अगर आप दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के टॉप मैनेजमेंट कोर्स करके अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं, तो यहां 7 बेहतरीन मैनेजमेंट कोर्स (Management Course) जान सकते हैं। आजकल इस प्रोफेशन की डिमांड भी बढ़ गई है।
ये भी पढ़ेः NEET परीक्षा, रिजल्ट पर NTA का बड़ा फैसला..पढ़िए बड़ी खबर

Pic Social Media

ख़बरीमीडिया के Whatsapp चैनल को फौलो करें।

बीबीए कोर्स (BBA Course)

BBA का फुल फॉर्म है बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन होता है। यह बिजनेस मैनेजमेंट का 3 साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है। इस कोर्स के दौरान छात्रों को मैनेजर और एंटरप्रेन्योरशिप स्किल सिखाई जाती है। बीबीए कोर्स के दौरान मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं। साथ ही उन्हें टीम मैनेजमेंट और टीम बिल्डिंग में स्किल्ड किया जाता है। बीबीए में दाखिला अधिकांश कॉलेज मेरिट स्कोर के आधार पर देते हैं।

बीएमएस कोर्स (BMS Course)

BMS का मतलब बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज है। बीएमएस कोर्स की अवधि 3 साल है। बीबीए और बीएमएस दोनों एक ही पाठ्यक्रम की तरह लगते हैं लेकिन इनमें समानताओं के साथ ही काफी अंतर भी है। बीएमएस पारंपरिक प्रबंधन अध्ययनों जैसे एनालिटिक्स पर अधिक केंद्रित है। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं। बीएमएस पूरा करने के बाद छात्र एमबीए कर सकते हैं। बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां, छोटी और मझोली कंपनियां भी बीएमएस फ्रेशर्स को हायर करती हैं।

Pic Social Media

बीकॉम कोर्स (B.Com Course)

बीकॉम 3 साल का एक अंडरग्रेजुएट कोर्स है। जिसमें अकाउंट्स, फाइनेंस, एडमिनिस्ट्रेशन, इकोनॉमिक्स और इंडस्ट्रियल पॉलिसी आदि जैसे फंडामेंटल कॉमर्स के सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। बिजनसे करने या बैंक में जॉब करने के इच्छुक लोग आमतौर पर बीकॉम को प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई अकाउंटिंग, बैंकिंग, फाइनेंस और बीमा जैसे सेक्टर में करियर बनना चाहता है, उसके लिए बीकॉम काफी काम का साबित हो सकता है।

बीकॉम के बाद अकाउंटेंट की शुरुआती सैलरी औसत 3 से 4 लाख सालाना है। जबकि बैंकर के रूप में चार से पांच लाख रुपये है। बीकॉम के बाद भी यूनिवर्सिटी और कॉलेज में प्रोफेसर बनने के ऑप्शन खुले हैं।

बीबीए (वित्तीय निवेश विश्लेषण) BBA (Financial Investment Analysis)

बीबीए फाइनेंसियल इन्वेस्टमेंट एनालिसिस 3 साल की अवधि के लिए एक वित्तीय प्रबंधन अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। जिसका उद्देश्य निवेश, बीमा, लागत लेखांकन, कॉर्पोरेट रणनीति, अंतर्राष्ट्रीय वित्त और व्यय से संबंधित ज्ञान और कौशल प्रदान करना है। बीबीए फाइनेंस के छात्रों को निवेश और बीमा के बारे में सूचित पूर्वानुमान और पूर्वानुमान लगाने होते हैं।

Pic Social Media

बीए इकोनॉमिक्स कोर्स (BA Economics Course)

बीए इकोनॉमिक्स भी 3 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। जो क्वॉन्टिटेटिव और क्वॉलिटेटिव इकोनॉमिक थ्योरी को कवर करता है। इकोनॉमिक्स में अंडरग्रेजुएट कोर्स दुनिया भर में नौकरियों के ऑप्शन देता है। इकोनॉमिक्स में इकोनॉमिक्स, वर्तमान मुद्दे, चुनौतियां और उन्हें सॉल्व करने की रणनीतियों तक के बारे में पढ़ाया जाता है। यह कोर्स रियल लाइफ एक्टिविटीज को सिखाने के लिए सैद्धांतिक दृष्टिकोण अपनाता है।

ये भी पढ़ेः Career After 12th: 12वीं के बाद के 5 बेस्ट कोर्स की लिस्ट देखिए

बीबीई कोर्स (BBE Course)

बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स (बीबीई) तीन साल का बैचलर डिग्री प्रोग्राम है, जिसमें अर्थशास्त्र और वित्तीय रुझानों की राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और कॉर्पोरेट संरचना की गहरी समझ शामिल है। यह कोर्स व्यवसाय अर्थशास्त्र के गहन विश्लेषणात्मक और सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए विस्तृत है। बीबीई अध्ययन के मुख्य क्षेत्र में व्यावसायिक अर्थशास्त्र में पारंपरिक और समकालीन रुझान दोनों शामिल हैं।

Pic Social Media

बीबीएस कोर्स (BBS Course)

बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज (BBS) कोर्स एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो तीन साल की अवधि का होता है। यह कोर्स बिजनेस और संबंधित विषयों जैसे मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, अकाउंटेंसी, फाइनेंस आदि के अकादमिक ज्ञान और व्यावहारिक कार्य अनुभव का एक समामेलन है। बिजनेस सेक्टर में BBS कोर्स की उच्च मांग को देखते हुए, यह कोर्स कई अंडरग्रेजुएट छात्रों द्वारा चुने जाने वाले प्रमुख और सबसे पसंदीदा कोर्स में से एक बन गया है।

बीबीएस कोर्स बिजनेस स्टडीज और प्रशासन से संबंधित क्षेत्रों का गहन ज्ञान प्रदान करने पर केंद्रित है और कोर्स पूरा करने के बाद, छात्रों में बौद्धिक, व्यावहारिक, प्रबंधकीय, संचार कौशल और व्यावसायिक निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। बीबीएस कोर्स करने की एक आवश्यक विशेषता यह है कि यह न केवल सैद्धांतिक अध्ययन पर केंद्रित है, बल्कि अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त कॉलेजों/संस्थानों से बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज (BBS) कोर्स करने से छात्र संगठनात्मक प्रबंधन कौशल, उद्यमिता कौशल, संचार कौशल, पारस्परिक कौशल और विश्लेषणात्मक कौशल जैसे विभिन्न कौशल सीखते हैं।