Jharkhand News: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से कांके रोड, रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा एवं आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास रांची के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा पेसा नियमावली (पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को मंत्रिपरिषद से मंजूरी दिए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
ढोल-नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे प्रतिनिधि
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ढोल-नगाड़ों की गूंज और उत्साह के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। इस अवसर पर सीएम हेमंत सोरेन ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों से उन्हें राज्य के शहरों, गांवों और कस्बों से लोगों की भावनाओं और उत्साह की जानकारी मिल रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी-मूलवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन और अपनी सभ्यता-संस्कृति की रक्षा के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया है।

पूर्वजों के संघर्ष और बलिदान को किया याद
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय-समय पर बने कई कानून आदिवासी और मूलवासी समाज के हित में रहे, तो कुछ उनके खिलाफ भी गए। ऐसे कानूनों को ठीक करने के लिए हमारे पूर्वजों ने पुरजोर संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि झारखंड वीर सपूतों और बलिदानियों की धरती है, जहां सभ्यता-संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए गए।
अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना से आज तक का सफर
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना की थी, जो लंबी लड़ाई और आंदोलन के बाद वर्ष 2000 में साकार हुई। राज्य गठन के बाद झारखंड ने कई उतार-चढ़ाव देखे और आदिवासी-मूलवासी समाज के अधिकारों पर भी आघात हुआ। उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपी और निरंतर आशीर्वाद व सहयोग दिया, जिससे सच्चाई की जीत हुई और झारखंड आज मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।

जनजातीय स्वशासन और सांस्कृतिक संरक्षण सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में पंचायत व्यवस्था को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। जनजातीय स्वशासन, सम्मान और सांस्कृतिक धरोहर की संरक्षा की दिशा में पेसा कानून को मंजूरी दी गई है। इसके लागू होने से जनजातीय क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को निर्णय लेने सहित कई महत्वपूर्ण अधिकार प्राप्त होंगे। उन्होंने इसे समाज और राज्य के सर्वांगीण विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया।
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पेसा कानून की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की अपील
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 25 वर्ष का युवा झारखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है। हाल ही में राज्य सरकार ने करीब 10 हजार युवाओं को सरकारी नियुक्ति दी है और आगे भी रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली को गहन मंथन के बाद कैबिनेट से मंजूरी दी गई है और इसके प्रावधानों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचना जरूरी है, ताकि अंतिम व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंच सके।

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गांव मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ तत्व ग्रामीणों को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं, इसलिए नीतियों की सही जानकारी सभी तक पहुंचना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार गांव की सरकार है और गांव मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत होगा। प्रतिनिधिमंडल के उत्साह और भावनाओं की सराहना करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह समर्थन उन्हें और अधिक ऊर्जा के साथ काम करने की प्रेरणा देता है।
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इस अवसर पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष अजय तिर्की, सचिव रूपचंद केवट, मुन्ना मिंज, सदस्य प्रकाश अंश, अजय कच्छप, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के महासचिव जलेश्वर उरांव, केंद्रीय कोषाध्यक्ष बिरसा उरांव, केंद्रीय उपाध्यक्ष सोमे उरांव, जिला समिति अध्यक्ष सोमदेव उरांव, संरक्षक सुधु भगत सहित आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास रांची के प्रतिनिधि और सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

