Jhansi Hospital Fire: झांसी की इस हॉस्पिटल में लगी आग, चली गई 10 मासूम की जान
Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी (Jhansi) से दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmi Bai Medical College) के एनआईसीयू (NICU) में आग (Fire) लग गई। आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है। वहीं 47 के करीब नवजात को किसी तरह से बचा लिया गया है।
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इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए झांसी सीएमएस सचिन मेहर ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में 54 बच्चे एडमिट थे। अचानक से आग वहां लग गई, जिसे शांत करने की बहुत प्रयास किया गया, लेकिन, ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे और आग तेजी से फैल गई। घटना शाम 5.30 बजे की है।
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इस हादस के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आज सुबह झांसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और घटना की जांच के आदेश दिए। डिप्टी सीएम ने इस दौरान कहा कि 10 बच्चों की मौत हुई है, घटना के दोषी लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन कारणों से घटना हुई उसकी जांच की जा रही है, अस्पताल का फायर आडिट हुआ था। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होगी और अगर किसी स्तर पर लापरवाही मिली तो उस पर कार्रवाई होगी।
जानिए सीएम योगी ने क्या कहा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने इस घटना की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है। झांसी जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। भगवान श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
आग लगने का कारण
इस हादसे से जुड़ी हैरान कर देने वाली बात भी सामने आ रही है। हमीरपुर के रहने वाले भगवान दास का बेटे , झांसी की रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। जब आग लगी तो भगवान दास वार्ड में ही मौजूद थे। शुरुआती जांच के आधार पर भले ही शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया जा रहा हो लेकिन भगवान दास इस घटना के अकेले चश्मदीद हैं और वो इसके पीछे की असली कहानी बता रहे हैं।
भगवान दास के अनुसार, बच्चों के वार्ड में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को लगाने के लिए नर्स ने माचिस की तीली जलाई। जैसे ही उसकी तीली जली पूरे वार्ड में आग फैल गई। आग लगते ही भगवान दास ने अपने गले में पड़े कपड़े से 3 से 4 बच्चों को लपेटकर बचाया, बाकी लोगों की मदद से कुछ और बच्चों को भी बचाया गया।
आग लगने के बाद ना फायर अलार्म बजा ना ही वार्ड में रखे सिलेंडर काम किए। सिलेंडर पर 2019 की फिलिंग डेट है और एक्सपायरी 2020 की है। यानि फायर एक्सटिंग्विशर को एक्सपायर हुए साल साल हो चुके थे और खाली दिखाने के लिए ये सिलेंडर यहां रखे हुए थे।
घटना के समय वार्ड में भर्ती थे 54-55 बच्चे
झांसी मंडल के कमिश्नर बिमल कुमार दुबे के अनुसार घटना के समय वार्ड में 54-55 बच्चे भर्ती थे। घायल बच्चों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। झांसी मंडल के डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है।
यूपी सरकार देगी 5 लाख की सहायता
योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है और घायलों को 50 हजार की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी दुख जताया हैष और उन्होंने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।