IT Engineers: IT इंजीनियर्स अच्छी और राहत भरी खबर पढ़िए
IT Engineers: IT इंजीनियर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। आपको बता दें जब से एआई आया है लोगों के मन में डर है कि कहीं उनकी नौकरी न चली जाए। इसको लेकर देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी (IT Engineers) टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के एआई यूनिट (AI Unit) के ग्लोबल हेड अशोक कृष ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि एआई नई टेक्नोलॉजी के क्रिएशन को बढ़ावा देगी और काम के नेचर को नया आकार देगी। उन्होंने बताया कि एआई (AI) को कौशल परिवर्तन (Skill Change) के उत्प्रेरक के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि नौकरियों के लिए खतरे के नजरिए से। कृष ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि एआई सिर्फ एक टेक्नोलॉजी चेंज (Technology Change) नहीं है, बल्कि एक कल्चरल चेंज है जिसके लिए ऐसे एग्जीक्यूशन के साथ-साथ लोगों के काम करने के तरीके को बदलने की आवश्यकता है।

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एआई सिर्फ विकास की अगली पीढ़ी है
बीते 3 दशकों में विघटनकारी प्रौद्योगिकियों (Disruptive Technologies) मेनफ्रेम से लेकर इंटरनेट, ई-कॉमर्स, डिजिटल और क्लाउड तक की बार-बार लहरें देखने को मिल रही हैं। प्रत्येक बदलाव ने भविष्य की संभावनाओं के बारे में आशंकाएं और कभी-कभी भयभीत करने वाली भावनाएं पैदा की हैं। व्यापक रुझान को देखते हुए उन्होंने बताया कि एआई सिर्फ विकास की अगली पीढ़ी है, जो आखिर में ज्यादा टेक्नोलॉजी के निर्माण की तरफ ले जाएगा, क्योंकि ये पूरी प्रक्रिया को आसान बनाता है।
स्किल डेवलपमेंट का एक शानदार मौका है एआई
अशोक कृष के अनुसार इसलिए मुझे लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) को नौकरी कम करने के नजरिए से देखना सही नहीं है और ये स्किल डेवलपमेंट का एक शानदार मौका है। उन्होंने बताया कि एआई मौजूदा तकनीक का विस्तार करेगा, लेकिन इसके जरिए किए जाने वाले काम का नेचर अलग होगा।
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कैसे रहे थे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नतीजे
आपको बता दें कि टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस ने लगभग 2 हफ्ते पूर्व अपने वित्तीय नतीजे जारी किए थे। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 12,224 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था, जो बीते वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही की तुलना में 1.6 प्रतिशत कम था। हालांकि, कंपनी ने पिछले वित्तीय साल की समान अवधि में ₹61,237 करोड़ के मुकाबले सालाना आधार पर अपनी चौथी तिमाही के रेवेन्यू में उछाल देखा और ये ₹64,479 करोड़ हो गया था।

