Ishan Kishan: बीसीसीआई के बार-बार कहने के बाद भी रणजी मैच (Ranji Match) से खुद को दूर रखने वाले ईशान किशन (Ishaan Kishan) पर बहुत जल्द कार्यवाई हो सकती है। जिसका घोसणा खुद बीसीसीआई (BCCI) सचिव जय शाह ने किया है।
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सभी फिट केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को घरेलू रणजी ट्रॉफी मैचों में भाग लेना होगा। इसके बाद भी ईशान (Ishaan) रणजी ट्रॉफी के आखिरी राउंड में झारखंड की ओर से खेलने नहीं पहुंचे। ऐसे में अब BCCI उन पर कार्रवाई कर सकता है।
BCCI के आदेश के बाद भी ईशान का फिट होने के बावजूद रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) मैच छोड़ना प्रथम श्रेणी क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है। हालांकि, ईशान व्यक्तिगत कारणों से अपनी अनुपस्थिति को उचित ठहराते हैं, लेकिन उनका तरीका BCCI के खिलाफ है। ऐसे में यह कदम संभावित रूप से राष्ट्रीय टीमों के लिए उनके भविष्य के चयन को प्रभावित कर सकता हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।
इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (Board of Control for Cricket in India) यानी बीसीसीआई ने उन खिलाड़ियों के लिए फरमान जारी किया है। जो फिट होने के बावजूद क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं।
जय शाह ने केंद्रीय अनुबंधित और भारत (India) के खिलाड़ियों को पत्र लिखकर कहा है कि अगर आप घरेलू क्रिकेट को मिस कर रहे हैं। तो इसके ‘गंभीर प्रभाव’ होंगे। बीसीसीआई सचिव ने लिखा कि “हाल ही में एक ट्रेंड सामने आया है और यह चिंता का कारण है। कुछ खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट पर आईपीएल को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, एक ऐसा बदलाव जिसकी उम्मीद नहीं थी। घरेलू क्रिकेट हमेशा वह आधार रहा है जिस पर भारतीय क्रिकेट खड़ा है। और खेल के प्रति हमारे दृष्टिकोण में इसे कभी भी कम महत्व नहीं दिया गया है।”
जय शाह ने आगे लिखते हुए कहा कि “घरेलू क्रिकेट भारतीय क्रिकेट की रीढ़ है। और टीम इंडिया (Team India) के लिए फीडर लाइन के रूप में कार्य करता है। भारतीय क्रिकेट के लिए हमारा दृष्टिकोण शुरू से ही स्पष्ट रहा है। भारत के लिए खेलने के इच्छुक प्रत्येक क्रिकेटर को घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करना होगा। घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन चयन के लिए एक महत्वपूर्ण पैमाना बना हुआ है। और घरेलू क्रिकेट में भाग न लेने पर इसके गंभीर प्रभाव होंगे।”
बता दें कि ईशान किशन (Ishaan Kishan) के अलावा, दीपक चाहर और श्रेयस अय्यर को भी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी-अपनी राज्य टीमों के लिए विशेष रूप से खेलने के लिए कहा गया था। लेकिन इन तीनों ही खिलाड़ियों नेबीसीसीआई के आदेश को नजरअंदाज किया। ऐसे में इन खिलाड़ियों की मुसीबत बहुत जल्द बढ़ सकती है।