होली ( Holi) के त्योहार का इंतजार हर एक व्यक्ति को है क्योंकि होली ( Holi) जिसे जिसे रंगों का त्योहार या प्यार का त्योहार भी कहा जाता है, ये भारत में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार में से एक है, इसे त्योहार को मार्च के महीने में सेलिब्रेट किया जाता इसके अलावा Holi को वसंत के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है। होली का त्यौहार लोगों के एक साथ आने, पुराने गिले–शिकवे भुलाने एवम मिटाने और रिश्तों को मजबूत करने का समय माना जाता है।
इसलिए भारत सहित विश्व में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को होली का बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन अक्सर हमारे मन मे होली से जुड़े कोई सवाल भी आते है जैसे होली(Holi)कब है, क्यो मनाई जाती है, कैसे मनाते है, होली का महत्व क्या है और होली का इतिहास, इत्यादि। ऐसे में इन सारे प्रश्नों के उत्तर आज हम आपको देंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
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सबसे पहले जानिए कि क्या है होली के त्योहार का महत्व
ये तो आप बचपन से ही देखते हुए आ रहे हैं कि Holi रंगो का त्योहार है। इसे न केवल परिवार बल्कि नाते रिश्तेदार मिलकर बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं। होली जैसे त्योहार का मुख्य उद्देश्य ये रहता है कि समाज में दोस्ती और भाईचारा को बढ़ावा दिया जा सके। ये त्योहार धार्मिक रूप से भी बहुत अधिक महत्व है।
वहीं, भगवान श्री कृष्ण से संबंधित जगहों की होली काफी प्रसिद्द है। इसका पता इसी से चलता है की मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, गोवर्धन, गोकुल की होली सम्पूर्ण विश्व में अत्यंत ही प्रसिद्ध है।
होली का त्यौहार कृषि और जलवायु परिवर्तन से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि होली के समय तापमान नहीं ज्यादा ठंडा होता है और ना ही ज्यादा गर्म।
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होली 2024 ( Holi 2024) में कब है?
- -रंगों का त्यौहार होली साल 2024 में 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को है।
- -होली ( Holi) का त्योहार 25 मार्च 2024, दिन सोमवार को आप पूरे दिन मना सकतें हैं।
- -अब हम फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं।
- -फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ 24 मार्च 2024, रविवार (09:54 ए एम)
- -फाल्गुन पूर्णिमा समाप्त 25 मार्च 2024, सोमवार (12:29 पी एम)
आखिरकार क्या है होलिका दहन की कथा क्या?
होली ( Holi) के त्योहार को लेकर हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका की कथा अत्यधिक प्रचलित है ऐसा वरदान पाकर वह अजेय बन गया ,हिरण्यकश्यप के यहां प्रहलाद जैसा परमात्मा में अटूट विश्वास करने वाला भक्त पुत्र पैदा हुआ। प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उस पर भगवान विष्णु की कृपा–दृष्टि थी।
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को आदेश दिया कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे प्रह्लाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप उसे जान से मारने पर उतारू हो गया। उसने प्रह्लाद को मारने के अनेक उपाय किए लेकिन व प्रभु–कृपा से बचता रहा।
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क्या है होलिका दहन ( Holi 2024) का मुहूर्त
होलिका दहन के मुहूर्त की बात करें तो 24 मार्च 2024 की शाम 6:24 से 8:51 तक किया जा सकता है। भारत में होली 2024 तिथि वही तिथि रहेगी, जो दिन सोमवार को पड़ रहा है। होली के दिन सभी लोग रंग–बिरंगे रंगों से खेलकर इस त्योहार को मनाते हैं। इस पर्व में पूरे भारतवर्ष में अवकाश रहता है, भारतवासियों के लिए यह एक बड़ा पर्व है।