Jaypeey Wish Town के 20 हज़ार फ्लैट ख़रीदारों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Jaypeey Wish Town:  जेपी इंफ्राटेक के 20,000 हजार से भी ज्यादा फ्लैट खरीदारों के लिए खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech Ltd) का अधिग्रहण करने के लिए सुरक्षा ग्रुप (Suraksha Group) की बोली को बरकरार रखा, इसके साथ ही किसानों को मुआवजे के रूप में 1,334 करोड़ रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है। यह फैसला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLAT) के मार्च 2023 के फैसले के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य फ्लैट बायर्स और किसानों के बढ़े हुए मुआवजे के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के दावे सहित सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करते हुए समाधान प्रक्रिया में तेजी लाना है।

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एनसीएलटी के इस निर्णय से जेपी इंफ्राटेक (Jaypee Infratech) के प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वालों के बीच खुशी की लहर है। जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (JIL) के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) अगस्त 2017 में IDBI बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम के एक आवेदन के बाद शुरू हुई थी। एनसीएलटी ने बीते साल 7 मार्च को जेआईएल के लिए मुंबई स्थित सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी थी। लेकिन, इस फैसले को YEIDA सहित विभिन्न पक्षों से चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिसकी वजह से NCLAT में अपील की गई।

चार साल के अन्दर तैयार होंगे फ्लैट

99 पेज के विस्तृत आदेश में, एनसीएलएटी (NCLAT) ने अतिरिक्त किसान मुआवजे के लिए यीडा के 1,689 करोड़ रुपये के दावे के विषय में एनसीएलटी के फैसले को कैसिंल कर दिया लेकिन बाकी समाधान योजना को बरकरार रखा। सुरक्षा रियल्टी को अब अन्य सुरक्षित लेनदारों के साथ समानता बनाए रखते हुए यीडा को 1,334.31 करोड़ रुपये का भुगतान करना जरूरी है। सुरक्षा रियल्टी ने पहले ही 18 अप्रैल तक अतिरिक्त मुआवजे के लिए 1,216 करोड़ रुपये का भुगतान करने की बात कही थी, जिसमें उल्लिखित समयसीमा और अनुपात के बाद अतिरिक्त 118.31 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था। यह भुगतान संरचना सुरक्षा की अंतिम समाधान योजना का ही हिस्सा है, जिसमें बैंकरों को 2,500 एकड़ से ज्यादा भूमि और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के जरिए से करीब 1,300 करोड़ रुपये की पेशकश शामिल है। इसके साथ ही सुरक्षा ने अगले चार सालों के अन्दर सभी लंबित फ्लैटों को पूरा करने का वादा किया है।

JIL के कर्जदाताओं ने 9,783 करोड़ रुपये के दावे प्रस्तुत किए। एनसीएलएटी का फैसला नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न रुकी हुई परियोजनाओं में 20,000 से ज्यादा आवास इकाइयों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) द्वारा स्थापित एक निगरानी समिति सक्रिय रूप से समाधान योजना के त्वरित कार्यान्वयन की निगरानी कर रही है।

RBI के रडार में हैं और 12 कंपनियां


JIL बैंकों द्वारा निर्देशित दिवालिया कार्यवाही के लिए RBI द्वारा पहचानी गई शुरुआती 12 कंपनियों में से 1 थी। साल 2021 में चौथे बोली के दौरान, सुरक्षा समूह 98.66% वोट शेयर के साथ जीता, और राज्य के स्वामित्व वाली एनबीसीसी को पीछे छोड़ दिया। सीओसी में करीब 12 बैंक और वोटिंग अधिकार वाले 20,000 से अधिक घर खरीदार शामिल हैं।