Noida Metro: नोएडा सेक्टर 62 से लेकर साहिबाबाद के बीच मेट्रो चलने वाली मेट्रो को लेकर खुशकर देने वाली खबर सामने आ रही है। आपको बात दें कि नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद एक्सटेंशन प्रॉजेक्ट (Sahibabad Extension Project) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की ओर से क्लियरेंस दे दिया गया है। मेट्रो और रैपिड रेल (Rapid Rail) दोनों प्रॉजेक्ट के अलाइनमेंट में 4 किलोमीटर की दूरी रखी गई है। इसलिए दोनों प्रॉजेक्ट की अपनी-अपनी उपयोगिता बनी रहेगी।
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करने के लिए tau.id/2iy6f लिंक पर क्लिक करें
ये भी पढ़ेंः दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे लिंक को लेकर ताजा अपडेट जान लीजिए
फिलहाल बीते दिनों जीडीए में एनसीआरटीसी, डीएमआरसी और जीडीए की बीच हुई बैठक से यह बात सामने आई थी। जीडीए अब मीटिंग की बातचीत की पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंपेगा। जिससे शासन की ओर से कहा गया था कि एक तरफ एनसीआरटीसी गाजियाबाद से जेवर के बीच नमो भारत को चलाने के लिए डीपीआर तैयार कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर डीएमआरसी ने नोएडा-62 से साहिबाबाद के बीच मेट्रो चलाए जाने की डीपीआर बना ली है। कहीं ऐसा तो नहीं कि दोनों का अलाइनमेंट क्लैश कर जाए। इसलिए दोनों को मीटिंग कर इसे चेक करने का निर्देश मिला था। इसके साथ ही शासन ने दोनों से यह भी कहा था कि आप ये भी देखें कि दोनों प्रॉजेक्ट के बजाय केवल एक से दोनों के यूजर को लाभ मिल सके। पर दोनों डिपार्टमेंट के अफसरों ने अलग-अलग प्रॉजेक्ट में ही इसकी उपयोगिता बताई है।
नहीं चेंज होगा नमो भारत का अलाइनमेंट
बैठक में यह बात निकल कर सामने आई थी कि गाजियाबाद से जेवर तक नमो भारत प्रॉजेक्ट 72 किलो मीटर का है। इसे चार मूर्ति चौराहे (Char Murti Crossroads) से कासना के बीच भविष्य में मेट्रो प्रॉजेक्ट के साथ लिंक करने की योजना है। शासन की तरफ से प्रॉजेक्ट को अप्रूवल भी मिल चुका है। इसके चलते गाजियाबाद नमो भारत स्टेशन पर अतिरिक्त लाइन को जोड़ने का इंतजाम किया गया है। अगर इसे साहिबाबाद से जेवर तक नए अलाइनमेंट किया जाता है तो साहिबाबाद में अलग से स्टेशन का बनाए जाने की जरूरत है। स्टेशन के इंटरकनेक्ट नहीं होने से यात्री को एक स्टेशन से उतरकर दूसरे स्टेशन तक जाना पड़ेगा। इसके साथ ही अगर साहिबाबाद से नोएडा सेक्टर 62 तक नमो भारत तक लेकर जाते हैं तो तीव्र मोड़ आएगा। जिससे नमो भारत की स्पीड पर भी असर होगा।
डीएमआरसी ने यह दिया था तर्क
बैठक में डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना था कि नोएडा सेक्टर-62 से साहिबाबाद तक मेट्रो एक्सटेंशन किए जाने से जीडीए की इंदिरापुरम योजना और आवास विकास परिषद के वसुंधरा योजना के 4 से 5 लाख निवासियों को सीधे तौर पर फायदा होगा। फिर ब्लू लाइन मेट्रो की साहिबाबाद नमो भारत स्टेशन से कनेक्ट होने के बाद मेरठ, मुरादनगर मोदीनगर, दिल्ली और नोएडा के बीच आवागमन की सुविधा हो जाएगी।
आएगा इतना खर्च
बैठक में विचार विमर्श में यह बात भी सामने आई कि इस प्रॉजेक्ट की कुल लागत 1873 करोड़ रुपये के आस पास होगी। इसमें 306 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी। तो वहीं 1566 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार की तरफ से वहन किया जाएगा। प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी में जीडीए, आवास विकास परिषद भी शामिल है। इसलिए चार साल के अंदर हर साल तीनों को 4 करोड़ 50 लाख रुपये के आसपास भार पड़ेगा। जीडीए का तर्क है कि जीडीए की आर्थिक स्थिति वर्तमान में ठीक नहीं है, इस वजह से इसमें प्रदेश सरकार की तरफ से अंशदान करके प्रॉजेक्ट को पूरा किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में बनेगा बड़ा मुद्दा
एक बार फिर जीडीए ने अपने पाले से मेट्रो एक्सटेंशन का मामला शासन के पाले में डाल दिया है, तो वहीं शासन चाह रहा था कि दो प्रॉजेक्ट में पैसा खर्च किए जाने के बजाय केवल एक प्रॉजेक्ट के माध्यम से अधिकांश यूजर को फायदा दिया जा सके। अब लोकसभा चुनाव के कारण शासन की ओर से मेट्रो एक्सटेंशन प्रॉजेक्ट पर सकारात्मक फैसला लिए जाने की उम्मीद की जा रही है। आने वाले लोकसभा चुनाव में मेट्रो एक्सटेंशन का प्रमुख मुद्दा बन सकता है। क्योंकि इससे 4 से 5 लाख वोटर जुड़े हुए है।