Noida-ग्रेटर नोएडा में अपने सपनों का घर पाने के लिए सालों से इंतजार कर रहे हजारों फ्लैट खरीदारों के लिए अच्छी खबर है।
Noida-Greater Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपने सपनों का घर (Home) पाने के लिए सालों से इंतजार कर रहे हजारों फ्लैट खरीदारों (Flat Buyers) के लिए अच्छी खबर है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने रुके हुए आवासीय प्रोजेक्ट्स को दोबारा शुरू करने के लिए एक को-डेवलपर नीति शुरू करने की घोषणा की है। इस नीति के लागू होने पर उन खरीदारों को राहत मिल सकती है, जो लंबे समय से अपने फ्लैट्स के कब्जे का इंतजार कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने कहा है कि अगर डेवलपर कुल बकाया राशि का कम से कम 25 प्रतिशत भुगतान करता है, तो रुके हुए प्रोजेक्ट्स पर निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राधिकरण को उसकी बकाया भूमि लागत मिले और खरीदारों को उनके फ्लैट्स का कब्जा मिले।’ बकाया राशि का शेष भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
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एनसीआर रियल एस्टेट के लिए गेम-चेंजर
एक्सपर्ट का मानना है कि यह नीति नोएडा-ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट बाजार में बड़ा बदलाव ला सकती है। यह नीति अधूरी परियोजनाओं और परेशान खरीदारों की दो प्रमुख समस्याओं का समाधान कर सकती है। लंबी कानूनी प्रक्रियाओं, जैसे एनसीएलटी या सुप्रीम कोर्ट के मामलों के बजाय, यह नीति तेज और व्यावहारिक समाधान प्रदान करती है। विश्वसनीय डेवलपर्स को रुके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का मौका देकर यह नीति निर्माण में तेजी लाएगी और खरीदारों को उनके फ्लैट्स के करीब पहुंचाएगी।
सुपरटेक और अन्य प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
नोएडा प्राधिकरण बोर्ड (Noida Authority Board) ने हाल ही में सुपरटेक लिमिटेड की रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं के लिए सह-डेवलपर प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रियल्टी फर्म एपेक्स ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी और अन्य शहरों में सुपरटेक के रुके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फंडिंग और कार्यभार संभालने की पेशकश की है। इसके अलावा, अक्टूबर 2024 में प्राधिकरण ने सेक्टर 168 में सनवर्ल्ड रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर 115 में एंबियंस प्राइवेट लिमिटेड की दो रुकी हुई परियोजनाओं के लिए सह-डेवलपर्स को शामिल करने की मंजूरी दी थी।
को-डेवलपर नीति क्या है?
को-डेवलपर नीति (Co-Developer Policy) उन परियोजनाओं को लक्षित करती है, जो वित्तीय संकट, तकनीकी चुनौतियों या डेवलपर की विश्वसनीयता खोने के कारण अधूरी रह गई हैं। इस नीति के तहत, वित्तीय ताकत, तकनीकी विशेषज्ञता और बाजार प्रतिष्ठा वाले सह-डेवलपर्स को मूल डेवलपर के साथ साझेदारी कर प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की अनुमति दी जाती है। सह-डेवलपर प्रोजेक्ट की व्यवहार्यता का आकलन करता है और बकाया भूमि लागत का 25 प्रतिशत भुगतान करने पर परियोजना को नियमित कर निर्माण शुरू कर सकता है।
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खरीदारों के लिए उम्मीद की किरण
यह नीति नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) के उन हजारों खरीदारों के लिए उम्मीद की किरण है, जो एक दशक से अधिक समय से अपने फ्लैट्स का इंतजार कर रहे हैं। प्राधिकरण का यह कदम न केवल रुके हुए प्रोजेक्ट्स को गति देगा, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में विश्वास भी बहाल करेगा। प्राधिकरण ने सभी हितधारकों से इस नीति को सफल बनाने के लिए सहयोग करने की अपील की है।

