Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक अहम घोषणा की गई है।
Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी विद्यालयों (Government Schools) में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक अहम घोषणा की गई है। अब उन्हें सेवाकालीन ट्रेनिंग के लिए दूसरे जिलों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी शिक्षकों को उनका सेवाकालीन ट्रेनिंग अब उनके वर्तमान पदस्थापन जिले में ही दिया जाएगा। इस बदलाव से शिक्षकों को ट्रेनिंग लेने में आसानी होगी और सरकार को ट्रेनिंग पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। यह व्यवस्था नए साल जनवरी से लागू की जाएगी। पढ़िए पूरी खबर…
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इस दौरान, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी शिक्षकों का बायोमीट्रिक हाजिरी (Biometric Attendance) हर दिन तीन बार लगे। बायोमीट्रिक हाजिरी के आधार पर ही शिक्षकों को सेवाकालीन ट्रेनिंग पूरा करने का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को अनुरोध पत्र भेजा है।
फर्जी महिला शिक्षक के खिलाफ एफआईआर
जहानाबाद जिले के घोसी प्रखंड क्षेत्र के 4 विद्यालयों में फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी करने वाली महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने घोसी थाने में आवेदन दिया है। आवेदन में कहा गया है कि बबीता कुमारी, ममता कुमारी, सुनीता कुमारी और पल्लवी कुमारी फर्जी कागजात के आधार पर सरकारी नौकरी कर रही हैं। इन महिला शिक्षिकाओं का नाम और उनके संबंधित गांवों का विवरण आवेदन में दिया गया है।
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डाटा अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों का रुकेगा वेतन
शिक्षा विभाग (Education Department) ने सख्त कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि जो शिक्षक डाटा अपलोड नहीं करेंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। यदि एक सप्ताह के भीतर संबंधित ब्योरा शिक्षा विभाग को नहीं दिया गया, तो उन शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन भुगतान प्रभावित होगा।
विभाग ने कुलसचिवों को चेतावनी देते हुए कहा है कि सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का डाटा पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड किया जाए। तीन महीने की तय अवधि के भीतर यदि विश्वविद्यालयों ने यह डाटा अपलोड नहीं किया, तो वेतन भुगतान पर संकट आ सकता है।