नीरज पाल, गाज़ियाबाद
किसान नेता गजेंद्र पाल शर्मा की शिकायत पर उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में बीते वर्ष सामूहिक विवाह योजना में बड़ी धांधली सामने आई है। शिकायत के बाद लोकायुक्त लखनऊ के आदेश पर जांच के आदेश दिए गए हैं। जिसमें 150 से ज्यादा शादियां फर्जी पाई गई है गाजियाबाद जिलाधिकारी ने करीब 800 पेज की गोपनीय रिपोर्ट लोकायुक्त लखनऊ को भेजी है।
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बता दें कि गाजियाबाद में बीते 24 नवंबर को श्रम विभाग उत्तर प्रदेश ने करीब 3000 से ज्यादा सामूहिक विवाह “कन्या विवाह योजना” के अंतर्गत कराई थी। इन शादियों में गरीब मजदूरों की बेटियों की शादी होनी थी। योजना के अंतर्गत शादी करने वाली गरीब मजदूर की बेटी को सरकार की तरफ से 82 हजार रुपये अनुदान स्वरूप दिए जाने थे जिसमें 65 हजार रुपये शादी के लिए और 10 हजार रुपये दूल्हा दुल्हन के कपडे के लिए और 7 हजार रुपये दूसरे जरूरी कार्यों के लिए मिलने थे।
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जिसके लिए मजदूर का रजिस्ट्रेशन होना बहुत जरूरी था। 1 वर्ष पुराना रजिस्ट्रेशन होने के पश्चात ही इस योजना में मजदूर की बेटी की शादी हो सकती थी लेकिन अधिकारियों के साथ मिलकर दलालों ने ऐसी मलाई खाई की ऐसी महिलाओं की शादी भी कर दी जिनकी शादी पहले हो चुकी थी। या जिनके बच्चे भी हो चुके थे। 10 वर्ष पूर्व हो चुकी एक महिला की शादी भी सरकारी अनुदान लेने के चक्कर में कर दी गई। इस दौरान जांच में पाया गया की 150 शादियां इस योजना के अंतर्गत फर्जी कराई गई थी।
इस मामले की शिकायत करने वाले किसान नेता गजेंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने गाजियाबाद के डीएम राकेश कुमार सिंह को इसकी शिकायत की थी इसके बाद उन्होंने आरटीआई लगाकर इस मामले में अधिकारियों से जवाब तलब किया और अब लोकायुक्त लखनऊ से इस मामले की शिकायत की है।
लोकायुक्त के आदेश के बाद गाजियाबाद प्रशासन की नींद खुली है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि 175 मामलों में से 150 मामलों की शिकायत सही पाई गई है। योजना के अंतर्गत कई लाभार्थियों को योजना का लाभ भी नहीं मिला है लेकिन उनके रुपए दलालों और अफसर ने आपस में बांट लिए है। इस दौरान एक मां बेटी की भी दोबारा शादी करा दी गई। बता दे कि किसान नेता गजेंद्र शर्मा ने बताया कि जन सुविधा केंद्र संचालक ने इस मामले में खूब मोटी कमाई की है। इस मामले में दो महिलाओं भी गिरफ्तार की गई है। इन दोनों पर फर्जी शादी करने और सरकारी पैसा गबन करने का आरोप लगा है।