ग्रेटर नोएडा वेस्ट के फ्लैट ख़रीदारों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उसमें से एक है सुपरटेक इको विलेज(SUPERTECH ECOVILLAGE-2)। मिली जानकारी के मुताबिक इसे लेकर NCLT में दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो गई है. सवा दो साल पहले इस प्रोजेक्ट के लिए आईआरपी की नियुक्ति की गई थी, लेकिन इस अधूरे प्रोजेक्ट पर काम दोबारा शुरू नहीं हो सका। आईआरपी के अधिकारी हितेश गोयल का कहना है, ”वेंटस कंपनी ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है, इस प्रस्ताव में कहा गया है कि फ्लैट में पहले से रह रहे लोगों से 400 रुपये प्रति वर्ग फुट का शुल्क लिया जाए.
अधूरे फ्लैट से 1200 रुपये प्रति वर्ग फुट शुल्क वसूलने की तैयारी
IRP के मुताबिक जिनके फ्लैट का काम अधूरा है उनसे 1200 रुपये प्रति वर्ग फुट चार्ज लिया जाना चाहिए. इस पैसे से प्रोजेक्ट का काम पूरा किया जाये. उन्होंने यह प्रस्ताव एनसीएलटी को सौंप दिया है और अदालत से आगे के निर्देश मांगे हैं। कोर्ट के निर्देशानुसार आगे का काम करना होगा. हालाँकि, यदि सोसायटी के सदस्य प्रस्ताव के खिलाफ वोट करते हैं तो प्रस्ताव खारिज कर दिया जाएगा और फिर परियोजना को पूरा करने के लिए एक नई योजना पर विचार किया जाएगा। कोर्ट के आदेश पर वोटिंग भी होनी है.
इस प्रस्ताव में खरीदारों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट साल 2013 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन 10 साल बीत चुके हैं और यह अभी भी अधूरा है. ऐसे में हम ज्यादा पैसे क्यों दें? हम उसके फ्लैट की पूरी तय कीमत पहले ही चुका चुके हैं, लेकिन अभी तक घर नहीं मिला है।’ ऐसे में जहां प्रोजेक्ट पूरा करने पर कोई सर्वसम्मत निर्णय नहीं हो पाएगा, वहां इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अधिक समय लग सकता है.
सुपरटेक इकोविलेज-2 का यह प्रोजेक्ट 2009-10 में लॉन्च किया गया था, जिसमें 3600 फ्लैट्स का निर्माण किया जाना था। इन्हें तीन साल में पूरा करने का दावा था। अब तक यहां सिर्फ 2500 फ्लैट्स का निर्माण हुआ है, जिनमें से बनकर तैयार हो चुके करीब 1500 फ्लैट्स में लोग रह रहे हैं। अन्य फ्लैटों का निर्माण अधूरा है। ऐसे में IRP का ये फरमान फ्लैट ख़रीदारों की मुसीबतें बढ़ा सकता है।