नीरज राजपूत का ‘फाइनल असॉल्ट’..क्योंकि देश सर्वप्रथम

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Jyoti shinde,Editor

न्यूज़ चैनल की दुनिया को छोड़कर देश के जाने-माने वॉर-कोरेस्पोंडेंट नीरज राजपूत ने Independent-Journalism का रास्ता चुना है. इसके साथ ही उन्होनें देश की रक्षा-सुरक्षा से जुड़ी सभी जानकारी और स्ट्रेटेजिक अफेयर्स जैसे जटिल मुद्दों को आसान शब्दों में विश्लेषण करने का एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म, ‘Final Assault’ (फाइनल असॉल्ट) लॉन्च किया है. इस प्लेटफॉर्म पर दुनिया में उतार-चढ़ाव वाली जियो-पॉलिटिक्स और उसमें भारत की भूमिका को प्रमुखता से स्थान दिया जाएगा. माना जा रहा है कि डिफेंस, सिक्योरिटी, स्ट्रेटेजिक अफेयर्स और जियो-पॉलिटिक्स से जुड़ा ये भारत का अपने तरह का पहला हिंदी डिजिटल प्लेटफॉर्म है.

खुद नीरज राजपूत ने फाइनल असॉल्ट के नाम से एक यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है. अपने पहले वीडियो में उन्होनें खुद बताया है कि इस चैनल को लॉन्च करने की जरूरत क्यों आन पड़ी है. नीरज के मुताबिक, न्यूज चैनल्स में देखा गया है कि डिफेंस को अभी भी इतना स्पेस नहीं मिल पाता है जितना मिलना चाहिए, भारत में तो खासतौर से ये कहा जा सकता है. सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट स्ट्राइक और गलवान घाटी की लड़ाई के बाद इलेक्ट्रोनिक मीडिया में थोड़ा बहुत डिफेंस को तरजीह मिलनी शुरु हो गई है. वहां डिफेंस से जुड़ी खबरों में भी सनसनी ढूंढने की कोशिश होती है या तड़का लगाने की जद्दोजेहद ज्यादा रहती है. ऐसे में अर्थ का अनर्थ होने की संभावना ज्यादा रहती है.

नीरज के मुताबिक, हिंदी पत्रकारिता में डिफेंस, मिलिट्री और वॉर-अफेयर्स को लेकर एक तो एक्सपर्ट थोड़ा कम हैं, दूसरा लोगों में इस क्षेत्र को लेकर उत्सुकता तो ज्यादा है लेकिन जानकारी कम है. ऐसे में रक्षा-क्षेत्र से जुड़ी सटीक जानकारी और उसके साथ-साथ विश्लेषण करने की बहुत जरूरत है. क्या, कब कहां और कैसे के साथ-साथ क्यों का जवाब भी देना बहुत जरूरी है. बस इसी उद्देश्य और लक्ष्य के साथ फाइनल असॉल्ट चैनल लॉन्च करने का फैसला किया है.

डिजिटल प्लेटफॉर्म होने के बावजूद, नीरज के मुताबिक, फाइनल असॉल्ट वन-वे चैनल नहीं रहेगा. इसमें देश की जनता के साथ उनका कम्युनिकेशन लगातार जारी रहेगा और डिफेंस, स्ट्रेटेजिक अफेयर्स और जियो-पॉलिटिक्स से जुड़े सवाल और जिज्ञासा के बारे में लगातार चर्चा करते रहेंगे. ऐसे में चैनल के कमेंट बॉक्स में जाकर अपने सवाल पूछ सकते हैं बशर्ते कि ये सवाल और जानकारी देश की सुरक्षा से compromise ना करती हो.

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