Earthquake: भूकंप से तिब्बत में हर तरफ तबाही, माउंट एवरेस्ट भी कांपा
Earthquake: तिब्बत से बड़ी और दर्दनाक खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि तिब्बत (Tibet) के एक क्षेत्र में सुबह तबाही मचा देने वाले भूकंप ने सबको हिला दिया। भूकंप (Earthquake) इतना तेज और शक्तिशाली था कि इससे मरने वालों की तादाद बढ़कर 125 से भी ज्यादा गई है। इस भूकंप के झटके हिमालय के पार नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस हुए। आपको बता दें कि तिब्बत (Tibet) के पहाड़ी क्षेत्र शिजांग में मंगलवार सुबह एक घंटे के अंदर 6 सिलसिलेवार भूकंप आए, जिसमें रिक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप भी शामिल था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, 7.1 तीव्रता का भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 9:05 बजे 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई पर आया और इसके बाद 150 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) भी आए। इस भूकंप की रफ्तार ने हिमालयी गांवों में बने घरों को न सिर्फ गिराया बल्कि पास के तिब्बती पवित्र शहर को हिला दिया और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में आए पर्यटकों को भी झकझोर दिया।
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भूकंप की वजह से तिब्बत में 200 से भी ज्यादा लोग घायल हैं, जिनका इलाज अस्पताल में जारी है। ड्रोन की सहायता लेकर लेकर घर के अंदर मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है। वहीं इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है। चीन की सेना रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। बता दें कि तिब्बत के साथ ही पूरे उत्तर भारत में मंगलवार सुबह 6:35 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। 7.1 की तीव्रता से आए इस भूकंप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लोग तो सुबह-सुबह काफी डर गए। असम से लेकर बिहार, एमपी (Bihar, MP) और झारखंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सिर्फ भारत ही नहीं नेपाल, बांग्लादेश, चीन भी इस भूकंप की चपेट में आ गए। भूकंप की तीव्रता इतनी तेज थी कि सर्द रातों के बीच घर पर सो रहे लोग की नींद खुल गई। वहीं कुछ इलाकों में लोग डर से कांपते हुए दिखाई दिए।
भूकंप से 3600 से अधिक घरों को नुकसान
तिब्बत में भूकंप के बाद मंगलवार शाम तक, चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र के मुताबिक करीब 150 आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए थे, जिनमें से 19 की तीव्रता 3.0 या उससे अधिक थी। चीन सेंट्रल टेलीविजन सीसीटीवी के मुताबिक इस भूकंप में कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 188 अन्य घायल हो गए। इसके साथ ही 3,600 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है।
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भूकंप से कांपा बिहार
नेपाल से सटे जिलों में भूकंप की तीव्रता ज्यादा महसूस हुई। बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मुंगेर, पटना, समस्तीपुर सहित करीब 23 जिलों में भूकंप के झटकों का अनुभव हुआ। प्रदेश के इन जिलों में सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर भूकंप आया था। लगभग 5 सेकेंड तक धरती हिलती रही।आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बिहार में अभी तक क्षति की सूचना नहीं है।
15 जनवरी 1934 में पूर्वी भारत के बिहार क्षेत्र में रिक्टर पैमाने पर 8.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 10,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। इस भूकंप से हुई तबाही को याद करके बुजुर्ग आज भी सिहर उठते हैं।
भूकंप को लेकर मन में तरह-तरह के सवाल उठने लाजमी हैं कि अगर इस तरह से भूकंप आ जाए तो तुरंत बचने के लिए क्या करें और क्या ना करें। आइए जानते हैं…

भूकंप के दौरान न करें ये काम
अगर आप ऊंची इमारतों में रहते हैं तो नीचे जाने के लिए भूलकर भी लिफ्ट ना लें। भूकंप रुकने तक घर में ही रहें। जल्दबाजी में भागने से कोई दुर्घटना हो सकती है।
जब भूकंप के झटके बंद हो जाएं तब बिना देरी किए घर की खिड़कियों, दरवाजों को ना खोलें। कई बार ये झटकों से क्रैक हो जाते हैं, जो पता नहीं चलता है।
भूकंप की स्थिति में भूलकर भी घर के दरवाजों, खिड़की के पास ना खड़े हों। शीशे की खिड़कियां, दरवाजों से तो थोड़ी दूरी बना लें। इनके टूटने का खतरा हमेशा रहता है।
भूकंप की स्थिति में फंसे लोग घर के किसी भी बिजली के सामान को ना चलाएं। स्विच बोर्ड को ऑन-ऑफ ना करते रहें।

