सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा की एक फैक्ट्री में पुलिस की लापरवाही (Negligence) सामने आई है। जहां ग्रेटर नोएडा के कोतवाली सूरजपुर और बीटा-2 क्षेत्र में करीब चार सालों से विदेशी ड्रग्स मैथाफीटामाइन (Foreign Drugs Methamphetamine) फैक्ट्री भेचा जा रहा था। बता दें कि साल 2019 से 2023 तक दोनों कोतवाली क्षेत्रों में तैनात 18 पुलिसकर्मियों की जांच की गई। नोएडा एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी (Shakti Mohan Awasthi) ने तुरंत थानेदार से लेकर बीट के सिपाही तक की जांच रिपोर्ट गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर को सौंपी है। रिपोर्ट में दोषी पाए गए सभी पुलिसकर्मियों (Policemen) पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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साल 16 मई को स्वाट टीम ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-2 स्थित डिपो मेट्रो स्टेशन के पास तीन मंजिला फैक्ट्री (Storey Factory) चल रहे ड्रग्स का खुलासा किया था। पुलिस ने करीब 300 करोड़ रुपये का ड्रग्स बरामद (Drugs Recovered) किया था। यहां से 10 नाइजीरियाई आरोपियों (Nigerian Accused) को गिरफ्तार किया था। पहले 5 दिन इनमें से 4 आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि जेल भेजे गए आरोपी चिडी इजीअग्वा के इशारे पर फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था। पुलिस ने चिडी को एक बार फिर से एक दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की।
150 करोड़ रुपये की ड्रग्स हुआ था बरामद
पुलिस ने बताया कि मित्रा सोसाइटी में अन्य आरोपियों के ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन की जानकारी मिली। पुलिस आरोपी को लेकर सोसायटी पहुंची। दबिश देकर 3 नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। करीब 150 करोड़ रुपये की ड्रग्स और कच्चा माल बरामद किया था। इसके बाद ही लम्बे समय तक शहर में ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन में पुलिस की जांच पुलिस कमिश्नर ने आदेश दिए थे। अब जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए सभी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ड्रग्स फैक्ट्री का खुलासा उस दौरान हुआ जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) देश भर में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी। खास बात यह है कि इस मामले में शुरू में हुई गिरफ्तारी के बाद पुलिस किसी अन्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इस मामले का मास्टरमाइंड (Mastermind) बताया जा रहा है जो वसंतकुंज दिल्ली निवासी माइकल बेन्सन अब तक फरार है। बेन्सन की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका देकर दावा किया था कि उसके पति को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया है और उसने माइकल की बरामदगी की मांग की थी। इधर पुलिस ने माइकल के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी हैं।
दोषी पुलिसकर्मियों होगी कार्रवाई
पुलिस चौकियों से कुछ दूरी पर संचालित हो रही थी दोनों फैक्ट्रियां
फैक्ट्री से बरामद रजिस्टर में 2019 से संचालन का खुलासा
खुलासे में शामिल कुछ पुलिसकर्मी संचालन के दौरान थाने में तैनात रहे
इसी क्षेत्र पूर्व में सेक्टर के घरों में दूसरे जिले की पुलिस ने शराब फैक्ट्री पकड़ी थी
ऐसे बनती थी ड्रग्स
आरोपित एपहेड्राइन को बाकी कैमिकल्स (Chemicals) के साथ बर्नर में कुक करते थे। कुक करने के बाद मैथ को ऐसेटोन, एथनाल व मिथनाल के साथ सॉल्यूशन में एक्सट्रैक्ट किया जाता था। एक्सट्रैक्शन के बाद मैथ को मिथनाल व ऐसे टोन के शाल्यूशन में फ्रीज किया जाता था। फ्रीज के बाद प्योर मैथ तैयार होता था। आरोपित आनलाइन ड्रग्स बनाने की विधि देखकर ड्रग्स तैयार करते थे।