Jyotish: आज के समय में लोग कुंडली में ग्रहों के अनुसार या फैशन और ट्रेंड के तौर पर रत्नों को धारण कर लेते हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि ज्योतिष के परामर्श अनुसार रत्नों को धारण कराया जाता है। इन सब के बाद भी जीवन में समस्याएं लगातार बढ़ती ही जाती हैं और कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, तो रत्नों को खरीदने से पहले थोड़ी सी सतर्कता रखें और घर पर ही असली या नकली रत्न की पहचान ठीक से कर लें।
नकली रत्न पहनेंगे तो इससे आपको जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और जीवन में कई तरह की समस्याएं आपके उपर हावी हो सकती हैं। ऐसे में जानिए कि जो रत्न आपने पहना है वो असली भी है या नहीं, ताकि जीवन में फल प्राप्त हो सके।
सबसे पहले तो जानिए कि जीवन में रत्न किस तरह से काम करता है
ज्योतिष शास्त्र में रत्न को धारण करने के बाद ऐसी मान्यता है कि रत्न कुंडली में मौजूद कमजोर ग्रहों को मजबूत करेगा। रत्न पूरी तरह से प्राकृतिक तत्व होता है। वहीं, ज्यादातर रत्न बालू, मिट्टी या फिर पत्थर का कठोर तत्व होता है। मान्यता अनुसार रत्न को पहनने से सूरज की रोशनी जब रत्न से छूते हुए शरीर में प्रवेश करती है। तो इससे व्यक्ति के मन, मस्तिष्क और संचार प्रभावित होता है।
जानिए किस तरह से पहचानें कि रत्न असली भी या नहीं
- असली और नकली रत्नों को पहचानने के लिए मैथलिन आयोडाइट केक घोल में आप जब डालेंगे नकली रत्न उसमें तैरने लगेगा जबकि असली रत्न सतह पर नहीं आता।
- प्रकाशीय प्रभाव या रेशम केवल प्राकृतिक रत्नों में ही दिखाई देता है। जो भी ये नकली रत्न होते हैं, उनमें ये नहीं दिखता।
- कृतिम रत्नों में अंदर की धारियां वक्र के रूप में होती हैं। जबकि वहीं, प्राकृतिक या नकली रत्नों में ये सीधी होती हैं।