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Jaypee के फ्लैट ख़रीदारों के लिए मायूस करने वाली खबर

ग्रेटर नोएडा- वेस्ट दिल्ली NCR नोएडा
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Jaypee के फ्लैट खरीदारों के लिए यह खबर बिलकुल भी अच्छी नहीं है

Noida News: नोएडा की जेपी रियोजना (Jaypee Project) के फ्लैट खरीदारों के लिए मायूस कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) मामले में सात हजार फ्लैट खरीदारों को अब और लंबा इंतजार करना पड़ेगा। इसका कारण यह है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यीडा को अधूरी परियोजनाओं के निर्माण के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) यानी निविदा जारी करने के आदेश तो दे दिए हैं लेकिन डेवलपर का चयन कोर्ट की अनुमति के बाद ही हो सकेगा।

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इसको लेकर प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि साल 2009-10 में जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को स्पोर्ट्स सिटी (Sports City) विकसित करने के लिए विशेष विकास क्षेत्र योजना के तहत 1000 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी। परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट शामिल है, जहां साल 2023 में मोटोजीपी बाइक रेस हुई थी। साथ ही 7 हजार से ज्यादा फ्लैट खरीदारों से जुड़ी 12 आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में यमुना प्राधिकरण के बकाया भुगतान नहीं करने के कारण जमीन आवंटन रद्द करने के फैसले को सही माना था।

कोर्ट ने प्राधिकरण को खरीदारों के फ्लैट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन बीते दिनों मामले को बिल्डर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बिल्डर पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में अबतक हुए कामों का जिक्र करते हुए बिल्डर के पक्ष में दलीलें दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यीडा को आरएफपी जारी करने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन डेवलपर चयनित का अधिकार अभी नहीं दिया है, इसके लिए प्राधिकरण को कोर्ट की अनुमति लेनी होगी, ऐसे में परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू होने में ज्यादा समय लग सकता है, जिससे खरीदारों का इंतजार बढ़ेगा, हालांकि मामले में अब अगली सुनवाई जुलाई में होगी।

समिति को मिली मंजूरी

हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार (UP Government) ने इस मामले में गठित समिति को मंजूरी प्रदान कर दी है। समिति में प्रमुख सचिव, आवास और औद्योगिक विकास आलोक कुमार को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके अलावा यूपी रेरा के चेयरमैन, यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, खरीदारों के प्रतिनिधि के रूप में आईआरपी शामिल किया गया है। इसके साथ ही बकाया राशि की प्राप्ति के लिए ओएसडी शैलेंद्र भाटिया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

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सर्वे के बाद ही निर्माण प्रक्रिया होगी शुरू

परियोजना की वर्तमान स्थिति का सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। वर्तमान में जमीन की वास्तविक स्थिति क्या है, यहां कितने टॉवर हैं, इनमें पूरे व अधूरों की स्थिति क्या है, साथ ही दूसरे बिंदुओं पर सर्वे कराने के लिए प्राधिकरण की तरफ से एफआरपी निकाली गई है। एजेंसी का चयन कर परियोजनाओं का सर्वे कराया जाएगा, इसके बाद ही प्राधिकरण की तरफ से निर्माण शुरू करने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।