सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Delhi News: राजधानी दिल्ली की हवा में पॉल्यूशन (Pollution) का जहर घुल गया है। जिसे कम करने के लिए दिल्ली सरकार (Government) ने राजधानी में पेट्रोल की बीएस 3 और डीजल की बीएस 4 कैटेगरी वाली प्राइवेट गाड़ियां (Private Vehicles) चलाने पर रोक लगा दी है।
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20-20 हजार रुपये के चालान काटे जा रहे
पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली में अभी ग्रैप (Grape) 3 लागू है। इसके तहत पेट्रोल की बीएस 3 और डीजल की बीएस 4 कैटिगरी वाली प्राइवेट गाड़ियां चलाने पर रोक है। नियम तोड़ने वालों के 20-20 हजार रुपये के चालान काटे जा रहे हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले साल ग्रैप के नियमों का उल्लंघन (Violation) करने पर जिन लोगों के चालान काटे गए थे। उनमें से ज्यादातर ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा है।
कुछ लोग महज 500-1000 रुपये देकर बच निकले
पेंडिंग चालान जब कोर्ट में गए। तो अदालतों (Courts) ने कई मामलों में रियायत देते हुए मामूली जुर्माना भरवा कर चालान डिस्पोज करवा दिया। कुछ लोग महज 500-1000 रुपये देकर बच निकले, जबकि उन्हें 20 हजार रुपये या उससे भी ज्यादा का जुर्माना भरना था। इससे ग्रैप के तहत सख्त नियम बनाने और उसे तोड़ने पर भारी भरकम जुर्माना लगाने के मकसद पर ही सवालिया निशान लग गया है।
परिवहन विभाग के अधिकारी भी रह गए हैरान
आपको बता दें कि पिछले दिनों ग्रैप से जुड़ी एक रिव्यू मीटिंग (Review Meeting) में जब यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आई तो वे भी हैरान रह गए। चालान पेंडिंग (Pending) को कम करने और पाबंदी के असर को प्रभावी तरीके से कायम रखने के लिए इस बात पर जोर दिया गया कि जुर्माने (Fines) की रकम में कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जितने भी चालान कटे हैं, उनका निपटारा जल्द से जल्द और नियमों के अनुसार तय जुर्माना भरने के बाद ही हो। अदालतों से भी कोई सस्ते में न छूटे। यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी जल्द ही दिल्ली की सभी जिला अदालतों के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate) और अन्य संबंधित न्यायिक अधिकारियों को पत्र लिखने पर भी विचार कर रहे हैं। उनसे अनुरोध किया जाएगा कि ग्रैप के नियमों के उल्लंघन में जितने भी लोगों के चालान काटे गए हैं, उन्हें आसानी से बच निकलने की छूट न दी जाए। अदालतें भी इनसे सख्ती से पेश आएं।
लगभग 650 चालान अभी हैं पेंडिंग
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल पॉल्यूशन सीजन (Pollution Season) में ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट विंग की टीमों ने ग्रैप से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर 1096 लोगों के चालान काटे थे। ज्यादातर चालान बीएस-3/4 वाली प्रतिबंधित गाड़ियों के चलाने और नो एंट्री वॉयलेशन (No Entry Violations) से जुड़े थे। इन सभी चालानों में कम से कम 20 हजार का और कई मामलों में उससे भी ज्यादा का जुर्माना लगाया गया था। क्योंकि एक से अधिक नियमों का उल्लंघन हुआ था। हाल ही में जब इन चालानों का रिव्यू किया गया। तो पता चला कि 1096 में से केवल 245 चालानों में ही लोगों ने पूरा जुर्माना देकर चालान डिस्पोज (Dispose) करवाए हैं। बाकी बचे 851 चालानों में से 195 चालानों में कोर्ट ने नियम तोड़ने वालों को जुर्माने की राशि में कुछ रियायत देकर चालान डिस्पोज करने का निर्देश दिया था। ऐसे में कई लोग मामूली जुर्माना देकर बच निकलने में कामयाब रहे। वहीं 5 मामले ऐसे थे, जिनमें कोर्ट ने आरोपियों को अगली बार नियम न तोड़ने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। करीब 650 चालान अब भी पेंडिंग हैं।