AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स (AIIMS) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) में नर्सिंग आफिसर्स से अभद्र भाषा में बात करने वाले दो डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (NPDA) के आह्वान पर एम्स के नर्सिंग स्टाफ (Nursing Staff) सुबह से हड़ताल पर चले गए हैं। आरोप है कि महिला चिकित्सक से छेड़छाड़ मामले में आंदोलन के दौरान दो चिकित्सकों ने नर्सिंग आफिसर्स के लिए सोशल मीडिया में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।
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एनपीडीए (NPDA) की तरफ से पूरे दिन डीन एकेडमिक कार्यालय (Academic Office) के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया था। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह के साथ यूनियन के नेताओं की बातचीत भी की थी। उसके बाद हृदय एवं शल्य चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डा. अंशुमन दरबारी की तरफ से दोनों आरोपी चिकित्सकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। संगठन इतने से संतुष्ट नहीं हुआ है, संगठन की मांग है कि यह नोटिस एम्स प्रशासन की तरफ से जारी किया जाए और तब तक दोनों आरोपित चिकित्सकों को निलंबित रखा जाए। एनपीडीए के अध्यक्ष संजीव कुमार जांगिर और महासचिव दिनेश लुहार की तरफ से एम्स प्रशासन को हड़ताल का नोटिस दे दिया गया था।
शनिवार की सुबह ट्रामा, इमरजेंसी और गायनी ओटी को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं में तैनात नर्सिंग आफिसर हड़ताल पर रहे। मेडिकल सुपरीटेंडेंट कार्यालय के बाहर सभी लोग धरना पर बैठे रहे। उधर एम्स के मेडिकल सुपरीटेंडेंट प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने संस्थान में अस्थाई मुद्दों की निगरानी के लिए चिकित्सकों की छह सदस्य कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के साथ तालमेल बनाकर काम करेगी। इस कमेटी के गठन पर भी एनपीडीए ने सवाल उठाएं हैं। उनका कहना है कि नर्सिंग आफिसर को इस कमेटी में कोई जगह नहीं दी गई है।
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हड़ताल का नहीं है बड़ा असर
इस हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा असर नहीं दिखाई दे रहा है। क्योंकि उनकी जगह नर्सिंग स्टूडेंट को ड्यूटी पर लगा दिया गया है। इमरजेंसी और गायनी ओटी में नर्सिंग ऑफिसर और सीनियर नर्सिंग ऑफिसर कार्यरत है। यदि इन सेवाओं का बहिष्कार होता है, तब परेशानी बढ़ेगी।