बच्चों को स्कूल भेजने से पहले रखें इन बातों का ख्याल, बच्चे नहीं होंगे कोरोना पॉजिटिव
कल तक कोरोना के शांत पड़े कोरोना ने एक बार फिर से डराना शुरू कर दिया है। वजह है स्कूलों में कोरोना की दस्तक जिसने कोरोना के चौथी लहर की आशंका तेज कर दी है। पैरेंट्स इस उलझन में हैं कि वो अपने बच्चों को स्कूल भेजें या फिर इससे परहेज करें।
हालांकि इस मामले में अभी तक सरकार की तरफ से कोई गाइडलाइन नहीं जारी की गई है। लेकिन आंकड़े जारी करके सच्चाई जरूरी बयान कर दी है। दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम जैसे शहरों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नोएडा(Noida) में पिछले 7 दिन में 44 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं। जिनमें से 16 बच्चे 18 साल से कम उम्र के हैं।
जिन स्कूलों में कोरोना की सबसे ज्यादा मार पड़ी है उनमें वसुंधरा का जयपुरिया स्कूल, नोएडा का डीपीएस, गाजियाबाद का सेंट फ्रांसिस स्कूल, नोएडा का खेतान स्कूल, वैशाली का केआर मंगलम स्कूल शामिल है।
कोरोना की मार सबसे पहले इंदिरापुरम के सेंट फ्रांसिस स्कूल (St Francis School Indirapuram) पर पड़ी। इनमें 2 स्टूडेंट कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें एक बच्ची ग्रेटर नोएडा वेस्ट की रहने वाली है। इसके बाद 11 अप्रैल को वैशाली स्थित केआर मंगलम स्कूल (KR mangalam School Vaishali) के 3 बच्चों में कोरोना का मामला पाया गया है। इन दोनों स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। इसके अलावा नोएडा के तीन प्राइवेट स्कूल में 15 बच्चे और तीन टीचर कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद ऑफलाइन क्लास बंद करके ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गई है। 11 अप्रैल को नोएडा सेक्टर 40 के खेतान पब्लिक स्कूल में एक साथ कोरोना के 13 मामले सामने आए जिसमें बच्चों के साथ 3 टीचर संक्रमित थे। कोरोना पॉजिटिव मामलों को देखते हुए स्कूल मैनेजमेंट ने फिलहाल ऑफलाइन पढ़ाई पर रोक लगा दी है। वहीं, स्कूल की सभी कक्षाओं को 18 अप्रैल तक ऑनलाइन करने का आदेश जारी कर दिया है।
स्कूल ने इसको लेकर अभिभावकों को दिशानिर्देश जारी किए हैं। यही नहीं जिन सेक्शन के छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं। उनसे जुड़े सभी छात्रों को कोरोना की एंटीजन नेगेटिव रिपोर्ट लाने को कहा गया है।
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बच्चों को स्कूल भेजने से पहले ये सावधानियां बरतें
- बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं
- नाक और मुंह ठीक से कवर करने वाला मास्क लगाकर स्कूल भेजें।
- बैग में एक्स्ट्रा मास्क, सैनिटाइजर, वेट टिश्यू जरूर रखें।
- लन्च बॉक्स दें और कैंटीन या दूसरे का खाना खाने से मना करें।
- पेन, पेंसिल, रबर, स्केल, किताबें आदि किसी से शेयर न करें।
- लिखते-पढ़ते समय पेन या पेंसिल मुंह में न डालें।
- वॉशरूम का इस्तेमाल करने पर गेट को खोलने का तरीका सिखाएं। सीधे हाथों से न खोलते हुए कोहनी से खोलें।
- कोशिश करें कि सार्वजनिक साधन की जगह अपने वाहन से स्कूल छोड़ें।
- सार्वजनिक वाहन से जाना पड़े तो गाड़ी से उतरते ही हाथ सैनिटाइज करें।
- बस के अंदर कुछ भी खाने-पीने से बच्चे को मना करें।
- मास्क गीला होने पर तुरंत बदलने के बारे में बताएं।
- छींकते, खांसते समय मुंह और नाक को टिशु, रुमाल या कोहनी से जरूर ढंके।
- तबीयत खराब हो तो किसी भी हालत में बच्चे को स्कूल न भेजें।
- बच्चे को बताएं कि सभी से 6 फुट की दूरी बनाकर रखें। दोस्तों के साथ खेलने न जाएं।
- स्कूल से आने के बाद बच्चों के कपड़े, पानी की बोतल, लंच बॉक्स आदि धुल दें।
- अगर घर में मरीज, गर्भवती या बुजुर्ग हैं तो उनके पास बच्चों को जाने से रोकें।
कोविड -19 के बढ़ते मामलों (Covid-19 situation in Noida) के बीच एक सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या एक बार फिर स्कूलों को बंद कर दिया जाना चाहिए? ऐसे में स्कूलों की अपनी चिंताएं हैं और पैरेंट्स लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच अलग परेशान हैं। पैरेंट्स की सबसे बड़ी परेशानी छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आना है। नोएडा में कोरोना के कुल 167 मामले हैं। प्रभावित बच्चों का प्रतिशत 26.3 है। ऐसे में स्कूल के साथ सरकार की तरफ से सावधानी बरतने और कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की गई है।
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