उमर अब्दुल्ला बनेंगे Jammu Kashmir के सीएम
Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ पूर्ण बहुमत से नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference)-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश कर रही है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Elections) परिणामों में गठबंधन 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर आगे है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी 29 सीटों पर आगे है, जबकि PDP 4 और निर्दलीय 7 सीटों पर आगे चल रहे हैं। इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि उमर अब्दुल्ला पूरे कार्यक्रम के कार्यकाल के लिए जम्मू कश्मीर के सीएम बनेंगे। आपको बता दें कि उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है।
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पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने गांदेरबल सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीडीपी उम्मीदवार को 10,000 से भी ज्यादा वोटों से हराया है, वहीं बडगाम में उन्हें पीडीपी उम्मीदवार से 18,000 से अधिक वोट से जीत मिली है। उमर ने नाम न लेते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पांच साल में नए-नए संगठन बनाकर उनकी पार्टी को बर्बाद करने के अनेक प्रयास किए गए लेकिन इस चुनाव में ये संगठन खत्म हो गए।
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जनता का जताया आभार
उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने इस जीत पर कहा कि मैं बडगाम की जनता का आभारी हूं जिन्होंने मुझे वोट देकर जीत दिलाई और एक बार फिर जम्मू कश्मीर की जनता को सेवा करने का मौका दिया। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद हमारी पार्टी की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उमर ने कहा कि अब हमारा कर्तव्य है कि हम अपने काम के माध्यम से लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरें और अगले पांच वर्ष तक हमारा यही प्रयास रहेगा।
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उमर अब्दुल्ला की सियासी पारी
उमर अब्दुल्ला की सियासी पारी 1998 में लोकसभा चुनावों के साथ शुरू हुई। तब वह केवल 28 साल की उम्र में लोकसभा सदस्य चुने गए। उन्होंने कामर्स और इंडस्ट्री राज्य मंत्री के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार में काम किया। साल 2002 में नेशनल कांफ्रेंस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष बने। इसके बाद वह 2009 से 2015 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वह राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने थे। इस बार उन्होंने दो सीटों गंधरबल और बदगाम से विधानसभा चुनाव लड़ा। चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने जो एफिडेविड यानि हलफनामा दाखिल किया, उसके अनुसार उनकी नेटवर्थ कश्मीर के तमाम सियासती नेताओं से बहुत कम है। ना तो उनके पास अपने नाम का कोई मकान है, ना कार और ना ही वह कोई बिजनेस चलाते हैं।
उमर अब्दुल्ला की पढाई
उमर अब्दुल्ला की पढाई श्रीनगर, मुंबई और स्काटलैंड में हुई। उन्होंने स्काटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रैचक्लाइड से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया। इससे पहले वह कामर्स में भी बैचलर डिग्री हासिल कर चुके थे।
तीन चरणों में हुई वोटिंग
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 3 चरणों में वोटिंग हुई थी। बता दें 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 3 चरणों में वोटिंग हुई थी। इस बार 63.88 प्रतिशत वोटिंग हुई।
10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में हुए चुनाव
आपको बता दें कि 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए हैं, इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, दोनों दलों का गठबंधन 2018 के आखिरी में टूट गया और फिर कुछ महीनों बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया और लद्दाख को अलग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इस बार के चुनाव में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा सबसे अहम मुद्दा रहा है।